नई दिल्लीः बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आरक्षण की सीमा 50 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने की बात कही है। उन्होंने विधानसभा में पेश जातीय जनगणना की रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान कहा कि पिछड़े और अतिपिछड़े के लिए आरक्षण बढ़नी चाहिए। इसके लिए उन्होंने बकायदा एक फॉर्मूला भी बताया। सीएम नीतीश कुमार ने […]
नई दिल्लीः बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आरक्षण की सीमा 50 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने की बात कही है। उन्होंने विधानसभा में पेश जातीय जनगणना की रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान कहा कि पिछड़े और अतिपिछड़े के लिए आरक्षण बढ़नी चाहिए। इसके लिए उन्होंने बकायदा एक फॉर्मूला भी बताया। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि पिछड़े और अतिपिछड़े का आरक्षण बढ़ा देना चाहिए और इसे 50 से बढ़ाकर 75 फिसदी कर देना चाहिए। बाकी 10 प्रतिशत आरक्षण उच्च जाति के आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों को देना चाहिए। इस तरह से 75 प्रतिशत आरक्षण हो जाएगा बाकी का 25 प्रतिशत को फ्री छोड़ दिया जाए।
नीतीश कुमार ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि हमने सबसे बातचीत की थी। उन्होंने कहा कि 9 दलों के समर्थन से जातीय गणना हुई। रिपोर्ट में एक एक जाति के आधार पर पूरी जानकारी साझा की गई है। उन्होंने कहा कि 2019 में सर्वसम्मति से यहां दोनों हाउस से पारित हुआ। साल 2020 में कोरोना आ गया, 2021 में 9 दलों से बात हुई, PM से मिले, सबलोग साथ ही थे, आपके यहां तो दूसरी पार्टी से आये नेता को मौका मिला। जातीय गणना हमलोगों ने अपने स्तर से किया। बड़े पैमाने पर लोगों को लगाया गया, ट्रेनिंग हुई। ज़ब काम शुरू हुआ तो न्यायालय ने रोक दिया, फिर अदालत ने इजाजत दी।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि जाति बढ़ गया, घट गया, पहले जाति की गणना हुई ही नहीं तो कैसे आप कह रहे हैंव? ये सब झूठी बातें हैं। केंद्र सरकार को करा लेना चाहिए, जनगणना अभी तक नहीं हुई है, इसी में करा लें पूरे देश का। उन्होंने कहा कि जब जाति जनगणना का काम हो रहा था तो अपने अपने घर जाना चाहिए था। नीतीश के भाषण के दौरान बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री प्रेम कुमार ने पंचायत वार लिस्ट जारी करने की मांग की। सीएम नीतीश ने कहा कि आगे हमलोग कर देंगे, लेकिन क्या जनगणना के आंकड़े इस तरह से पंचायत वार आते हैं?