Bihar New DGP Gupteshwar Pandey: आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडेय को बिहार का नया पुलिस महानिदेशक यानी डीजीपी बनाया गया है. गुप्तेश्वर पांडेय मौजूदा डीजीपी केएस द्विवेदी की जगह लेंगे. आईपीएस गुप्तेश्वर पांडे ने 2009 में बीजेपी के टिकट पर बक्सर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए समय से पहले रिटायरमेंट ले लिया था, लेकिन अब लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने उन्हें बिहार का डीजीपी बना दिया है.
पटना. बिहार में सुशासन बाबू के नाम से मशहूर नीतीश कुमार की सरकार ने चर्चित आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडेय को बिहार का नया पुलिस महानिदेशक यानी डीजीपी बनाया है. पांडेय मौजूदा डीजीपी केएस द्विवेदी की जगह लेंगे जो रिटायर हो रहे हैं. बिहार कैडर के 1987 बैच के आईपीएस गुप्तेश्वर पांडे ने 2009 में बीजेपी के टिकट पर बक्सर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए समय से पहले रिटायरमेंट यानी वीआरएस ले लिया था. बीजेपी के तत्कालीन सांसद लालमुनि चौबे ने बगवात की धमकी देकर दोबारा टिकट लिया और गुप्तेश्वर पांडे ना घर के रहे और ना घाट के. राजनीति में फेल होने के बाद पांडेय ने वीआरएस वापस लेने की अर्जी दी जिसे नीतीश सरकार ने मंजूर करके करीब 9 महीने बाद उन्हें दोबारा सर्विस में रख लिया और अब वो लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के डीजीपी बना दिए गए हैं.
बिहार में तेजतर्रार पुलिस अधिकारी की छवि वाले गुप्तेश्वर पांडेय ने औरंगाबाद, बेगूसराय, जहानाबाद, अरवल, नालंदा जैसे जिलों में एसपी रहे और इस दौरान उन्होंने उस जमाने के बड़े-बड़े शातिर क्रिमिनल्स को या तो ऑपरेशन चलाकर मार गिराया या जेल में पहुंचा दिया. साहित्य और संगीत के क्षेत्र में भी दखल रखने वाले गुप्तेश्वर पांडेय मुंगेर, मुजफ्फरपुर के डीआईजी भी रहे हैं. बाद में वो फिर मुजफ्फरपुर में आईजी भी बने और फिलहाल बिहार पुलिस के ट्रेनिंग डीजी थे.
औरंगाबाद और कटिहार में सांप्रदायिक माहौल खराब होने पर नीतीश कुमार ने उन्हें हालात संभालने को भेजा था और दोनों जगह वो अपनी स्मार्ट कम्युनिटी पुलिसिंग से माहौल को संभालने में कामयाब रहे थे. पांडेय कुछ विवादों में भी रहे हैं जिनमें उनका सरकार की इजाजत के बिना बीआरए बिहार मुजफ्फरपुर यूनिवर्सिटी से कानून की परीक्षा देने का मामला एक है. 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने उन्हें मुजफ्फरपुर के आईजी पद से हटा दिया था.
बिहार का डीजीपी बनने की रेस में गुप्तेश्वर पांडेय का नाम नहीं था लेकिन नीतीश कुमार ने चौंकाया है और उनके भरोसेमंद गुप्तेश्वर पांडेय बाजी मार गए हैं. डीजीपी बनने के बाद उन्होंने कहा है कि बिहार के अपराध को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है लेकिन जो अपराध है उसे रोकने के लिए वो डीजी टीम बनाकर काम करेंगे. गुप्तेश्वर पांडेय ने शराबबंदी को भी सख्ती से लागू करने का इरादा जताया है.