बिहार के मुजफ्फरपुर के गर्ल्स हॉस्टल में 14 साल की कम उम्र की लड़कियों के साथ कथित तौर पर यौन शौषण का मामला आया है. इस मामले में प्रतिष्ठित संस्था टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में यौन शोषण की बात को उजागर किया है और 3 लड़कियों के गर्भवती होने की बात भी कही है.
मुजफ्फरपुरः बिहार सरकार द्वारा चलाए जा रहे, मुजफ्फरपुर में गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों के साथ यौन शोषण वाली खबरों से सनसनी मचाई हुई है. वहीं इस बीच नया खुलासा सामने आया है जिसने इस मामले को जबरदस्त तूल दे दिया है. बतौर मीडिया, मुंबई में प्रतिष्ठित संस्था टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की सोशल ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार इस गर्ल्स हॉस्टल की लड़कियों को नेता से लेकर अधिकारियों के यहां भेजा जाता था. हैरान कर देने वाली जानकारी ये है, इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 44 लड़कियों में से 3 गर्भवती पाई गई हैं.
इस खबर से बिहार प्रशासन की नींद उड़ गयी है. दरअसल बालिका गृह में 6 से 14 साल तक की लड़कियों को आश्रय देने की सुविधा है. इस गर्ल्स हॉस्टल का संचालन एक गैर सरकारी संस्था के जिम्मे पर था, जिस पर आरोपों की झड़ी लगी है. इस मामले के तूल पकड़ते ही संस्था के लोग फरार हो चुके हैं. वहीं आनन-फानन में गर्ल्स हॉस्टल की लड़कियों को पटना और मधुबनी बालिका गृह स्थानांतरित कर दिया है.
इन गंभीर आरोपों के बाद जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है. जिला प्रशासन ने ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ एनजीओ के कर्ताधर्ता और मालिकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत और धारा 376 के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस ने इस मामले की जांच करते हुए एनजीओ के लोगों की पड़ताल शुरू कर दी है. बता दें टाटा इंस्टीट्यूट की ओर से करवाई गई जांच को पटना के निदेशक को सौंप दिया गया है.
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