बिहार के बक्सर में सरकारी अस्पताल की लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां एक युवक अपनी बीमार मां को इलाज के लिए लेकर पहुंचा तो डॉक्टर ने ऊपरी मंजिल पर ले जाने के लिए कहा. युवक ने अस्पताल के कर्मचारी से स्ट्रेचर की मांग की तो कई बार अनसुना कर दिया. आखिर वह अपनी मां को पीठ पर लादकर डॉक्टर के पास पहुंचा.
बक्सर. बिहार के सरकारी अस्पताल में एक बेटा अपनी बीमार वृद्धा मां को पीठ पर लादकर डॉक्टर के पास ले जाता नजर आया. यह इसलिए हुआ क्योंकि बक्सर जिले के सदर अस्पताल प्रशासन ने संवेदनहीनता दिखाई और उसे स्ट्रेचर नहीं दिया. इस मामले को प्रकाश में आने के बाद बक्सर के डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने जिला सिविल सर्जन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अपनी मां को पीठ पर लादकर ले जाने वाले सोहानी पट्टी निवासी विजय कुमार का आरोप है कि उसने कई बार स्ट्रेचर मांगा लेकिन अस्पताल के कर्मचारी ने हर बार उसकी बात को अनसुना कर दिया.
विजय कुमार ने कहा कि मां की तबीयत ज्यादा खराब थी. ओपीडी के डॉक्टर ने उन्हें ऊपरी मंजिल पर चैंबर में इलाज के लिए बुलाया था. वहां ले जाने के लिए मैंने अस्पताल कर्मचारी से कई बार स्ट्रेचर की मांग की, लेकिन उसने अनसुना कर दिया. इसके बार-बार अनसुना करने के कारण मुझे मां को पीठ पर लादकर ऊपरी मंजिल तक जाना पड़ा. विजय कुमार की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं. डॉक्टर ने विजय की मां की हालत को देखते हुए उन्हें इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज रिफर कर दिया. इसके बाद उन्होंने ने 102 ऐम्बुलेंस सेवा पर संपर्क किया लेकिन वहां से भी मदद नहीं मिली.
इससे परेशान होकर विजय ने अपने एक जानने वाले सामाजिक कार्यकर्ता रामजी यादव को फोन किया. विजय के मुताबिक, रामजी और स्थानीय मीडिया के मौके पर पहुंचने के बाद अस्पताल प्रशासन ने उसकी मां को पटना ले जाने के लिए एंम्बुलेंस की व्यवस्था की. सिविल सर्जन डॉ. डीएन ठाकुर का कहना है कि उन्होंने इस मामले में अस्पताल प्रशासन से बात की है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीज के परिजन विजय कुमार को बताया गया था कि उन्हें स्ट्रेचर कहां से उपलब्ध हो सकता है, लेकिन वह जल्दबाजी में थे और मरीज को पीठ पर लादकर डॉक्टर के पास पहुंच गए.
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