पटना/नई दिल्ली: नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने दावा किया है कि बिहार के मदरसों में हिंदू बच्चे दाखिला ले रहे हैं और वे वहां पर पाकिस्तान में प्रकाशित किताबों को पढ़ रहे हैं. कानूनगो के […]
पटना/नई दिल्ली: नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने दावा किया है कि बिहार के मदरसों में हिंदू बच्चे दाखिला ले रहे हैं और वे वहां पर पाकिस्तान में प्रकाशित किताबों को पढ़ रहे हैं. कानूनगो के इस दावे से बिहार में सियासी बवाल खड़ा हो गया है.
प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दावा किया है कि बिहार के मदरसों में ‘तलिमुल इस्लाम’ जैसी किताबों को पढ़ाया जा रहा है. ये किताबें कथित तौर पर गैर-मुस्लिम लोगों को काफिर बताती हैं. बता दें कि कानूनगो के आरोपों पर बिहार मदरसा बोर्ड ने कहा है कि उनका पाठ्यक्रम यूनिसेफ इंडिया की भागीदारी के जरिए तैयार किया गया है.
इसके साथ ही प्रियंक कानूनगो ने आरोप लगाया है कि बिहार मदरसों के पाठ्यक्रम में कुछ किताबें ऐसी हैं, जिन्हें पाकिस्तान में प्रकाशित किया गया है. उन्होंने आगे कहा कि मदरसा किसी भी बच्चे के लिए बुनियादी शिक्षा के लिए सही जगह नहीं है. बच्चों को स्कूल में शुरूआत से पढ़ाना चाहिए. हिंदू बच्चों को तो बिल्कुल मदरसों में नहीं होना चाहिए.
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