Bihar Government Denies Jobs to Mob Violence Accused: मॉब लिंचिंग में शामिल लोगों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, बिहार की नीतीश कुमार सरकार का फैसला

Bihar Government Denies Jobs to Mob Violence Accused, Bihar me Bheed hinsa ke Aaropi ko sarkari naukri nahi milegi: बिहार सरकार ने कड़े कदम उठाते हुए कहा कि भीड़ हिंसा में जो भी आरोपी हैं उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस फैसले के तहत अब तक पटना, सासाराम, जहानाबाद, गया और अन्य जिलों में 39 भीड़ हिंसा मामलों में 345 लोगों को आरोपी करार दिया है. पुलिस ने इन मामलों के संबंध में 278 लोगों को गिरफ्तार किया है.

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Bihar Government Denies Jobs to Mob Violence Accused: मॉब लिंचिंग में शामिल लोगों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, बिहार की नीतीश कुमार सरकार का फैसला

Aanchal Pandey

  • September 20, 2019 9:47 am Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

पटना. बिहार में भीड़ की हिंसा के 39 मामलों जिसमें 14 लोग मारे गए थे को देखते हुए राज्य सरकार ने लोगों तक सख्त संदेश भेजने का फैसला किया है. यह निर्णय लिया गया है कि यदि आरोपी राज्य सरकार का कर्मचारी है तो भीड़ हिंसा मामले में वो अपनी नौकरी खो सकता है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अगर आरोपी सरकारी कर्मचारी नहीं है, तो वह सरकार में किसी भी नौकरी के लिए स्वचालित रूप से अयोग्य हो जाता है. राज्य पुलिस अधिक आरोपियों की पहचान करने के लिए मीडिया और स्थानीय निवासियों से वीडियो फुटेज जुटा रही है. अब तक पटना, सासाराम, जहानाबाद, गया और अन्य जिलों में 39 भीड़ हिंसा मामलों में 345 लोगों को आरोपी करार दिया गया है. इन मामलों के सिलसिले में पुलिस ने 278 लोगों को गिरफ्तार किया है.

इन घटनाओं में से अधिकांश बच्चों को उठाने वाली अफवाहों से शुरू हुई भीड़ हिंसा थीं. पिछले महीने, चार गया निवासियों को इस संदेह पर बुरी तरह से पीटा गया था कि वे बाल-बच्चे हैं. इसी तरह के संदेह पर अगस्त में पटना में भीड़ द्वारा एक वृद्ध और मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला की हत्या कर दी गई थी. सीआईडी के एडिशनल डीजीपी विनय कुमार ने कहा, भीड़ के मामलों में, हम अक्सर अज्ञात लोगों पर शिकायत दर्ज करते हैं. अब हम मीडिया और स्थानीय लोगों के माध्यम से इकट्ठा किए गए वीडियो फुटेज की मदद से भीड़ में चेहरे की पहचान करने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोग कानून अपने हाथ में न लें.

उन्होंने कहा कि आरोपी अब सरकारी नौकरी और ठेके खो सकते हैं. हाल के मामलों में, 2,000 से अधिक अज्ञात लोगों पर शिकायत दर्ज की गई. कई चेतावनियों के बावजूद, लोग निराधार अफवाहों के कारण कानून को अपने हाथ में लेते रहे. एडीजी डीजीपी (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार ने कहा कि राज्य पुलिस इन मामलों की बारीकी से निगरानी कर रही है. कुमार ने कहा ज्यादातर मामलों में चार्जशीट जल्द ही दाखिल कर दी जाएगी और हम तेजी से सुनवाई भी सुनिश्चित करेंगे.

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