पटना। बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई को लेकर उत्पन्न हुए विवाद पर अब बिहार सरकार ने सफाई दी है। राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुभानी ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें (आनंद मोहन) रिहा करने का निर्णय रिकॉर्ड और रिपोर्ट को देखने के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत लिया गया […]
पटना। बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई को लेकर उत्पन्न हुए विवाद पर अब बिहार सरकार ने सफाई दी है। राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुभानी ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें (आनंद मोहन) रिहा करने का निर्णय रिकॉर्ड और रिपोर्ट को देखने के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत लिया गया है। उन्हें किसी प्रकार की विशेष छूट नहीं दी गई है। मुझे लगता है कि इस मामले को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए।
पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन को आज सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया। आनंद 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे थे। हाल ही में बिहार सरकार ने आनंद मोहन समेत 27 दोषियों को रिहा करने की अनुमति देते हुए जेल के नियमों में संशोधन किया था, जिसके बाद आज 16 साल बाद आनंद मोहन जेल से रिहाई हो गई।
आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद ने अपने पति को बेकसूर बताया है। उन्होंने कहा कि हम सभी ने अदालत के फैसले का इंतजार किया। भगवान राम की तरह उनका भी आज वनवास खत्म हो गया। लवली आनंद ने कहा कि हम भगवान, बिहार सरकार और अपने सभी समर्थकों का आभार प्रकट करते हैं। मैं अभी अपनी खुशी को शब्दों में नहीं बयां कर सकती। पूर्व डीएम जी कृष्णैया की हत्या का हमें भी काफी दुख है। यह घटना अगर आनंद मोहन के सामने होती तब वे ऐसा कभी नहीं होने देते। वे उनकी रक्षा करने का पूरा प्रयास करते।
पूर्व जिलाधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने आनंद मोहन की रिहाई पर कहा कि बिहार की जनता को आनंद मोहन की रिहाई का विरोध करना चाहिए और उसे वापस जेल भेजने की मांग करनी चाहिए। बिहार सरकार द्वारा कानून में बदलाव कर आनंद मोहन को रिहा करने का फैसला गलत है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस तरह की चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। मैं बिहार की जनता से अपील करती हूं कि वो आनंद मोहन का बहिष्कार करें और सरकार उसे दोबारा जेल भेजे।
आनंद मोहन की रिहाई पर पूर्व IAS जी कृष्णैया की बेटी पद्मा ने कहा है कि इस फैसले से बिहार सरकार ने गलत मिसाल कायम की है। आनंद मोहन का जेल से छूटना हमारे लिए बहुत दुख की बात है। मैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध करती है कि वो इस फैसले पर पुनर्विचार करें। आनंद मोहन के रिहाई ये सिर्फ एक परिवार के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अन्याय है। हम इस फैसले के लिए अदालत में अपील करेंगे।