bihar-elderly-got-corona-vaccine-11-time बिहार. bihar-elderly-got-corona-vaccine-11-time देशभर में जहां एकओर कोरोना और ओमिक्रॉन के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे है, वहीँ दूसरी ओर केंद्र सरकार इस वायरस के संक्रमण को कम करने के लिए वैक्सीनेशन अभियान पर जोर दे रही है. इस बीच बिहार से वैक्सीनेशन को लेकर एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. एक बुजुर्ग ने यह […]
बिहार. bihar-elderly-got-corona-vaccine-11-time देशभर में जहां एकओर कोरोना और ओमिक्रॉन के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे है, वहीँ दूसरी ओर केंद्र सरकार इस वायरस के संक्रमण को कम करने के लिए वैक्सीनेशन अभियान पर जोर दे रही है. इस बीच बिहार से वैक्सीनेशन को लेकर एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. एक बुजुर्ग ने यह दावा किया है कि उन्होंने कोरोना की 1 नहीं, 2 नहीं बल्कि 11 डोज़ अभी तक ली है.
मामला बिहार के मधेपूरा का है और बुजुर्ग का नाम ब्रह्मादेव मंडल है. उन्होंने बताया कि मैंने कोरोना की 11 डोज़ ली है और मैं अब इस वायरस से पूर्ण रूप से सुरक्षित हूँ. बुजुर्ग ने कहा कि कोरोना के खिलाफ यह वैक्सीन ब्रह्माजी का वरदान है, इसी से सब की जान अब बच सकती है. इस वैक्सीन ने मुझे कई फायदे दिए है इसलिए मैंने इसकी 11 डोज़ ली है. बता दें ब्रह्मादेव मंडल एक लम्बे समय के लिए ग्रामीण डॉक्टर के रूप में काम कर चुके है. दरअसल, हैरानी की बात यह है कि बुजुर्ग को कोरोना की 11 डोज़ लेने के बाद भी कोई साइड-इफ़ेक्ट नहीं हुआ, जबकि इसके विपरीत उन्हें शरीर के कई परेशानियों से आराम मिला।
कोरोना की 11 डोज लेने के बाद जब बुजुर्ग अपनी बारहवीं डोज के लिए बिहार के चौसा सेंटर पर गए तो लोगों ने उन्हें पहचान लिया और फिर मामला सभी के सामने आ गया. ब्रह्मादेव मंडल अलग-अलग मोबाइल नंबर के माध्यम से कोरोना की डोज लेते थे, जिसका सारा रिकॉर्ड अब प्रशासन के साथ-साथ बुजुर्ग के पास भी उपलब्धि है. वहीँ इस मामले के सामने आने के बाद स्वास्थ्य अधिकारियो और प्रशासन स्तर पर हड़कंप मच गया. मधेपूरा के सिविल सर्जन अमरेंद्र प्रताप शाही ने इसे पीएचसी कार्यकर्ताओ की बड़ी चूक बताया और सभी को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.
बुजुर्ग के मुताबिक मुताबिक उन्होंने कोरोना की डोज 13 फरवरी, 13 मार्च, 19 मई, 16 जून, 24 जुलाई , 31 अगस्त, 11 सितंबर, 22 सितंबर, 24 सितंबर 2021 को वैक्सीन लगवाई है. वहीँ 10वीं डोज खगड़िया के परबता में ली. 11वीं डोज भागलपुर के कहलगांव में ली. इसके बाद वे बारहवीं डोज के लिए चौसा सेंटर पहुंचे लेकिन लोगों ने उन्हें पकड़ लिया।