पटनाः बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज यानी 6 नवंबर से शुरु हो चुका है। विधानसभा सत्र के दौरान कई नेताओं ने पक्ष – विपक्ष पर आरोप लगाए है लेकिन राजद विधायक फतेह बहादुर ने एक बार फिर से अजीबोगरीब बयान देकर सियासी घमासान खड़ा कर दिया है। शीतकालीन सत्र में भाग लेने पहुंचे फतेह […]
पटनाः बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज यानी 6 नवंबर से शुरु हो चुका है। विधानसभा सत्र के दौरान कई नेताओं ने पक्ष – विपक्ष पर आरोप लगाए है लेकिन राजद विधायक फतेह बहादुर ने एक बार फिर से अजीबोगरीब बयान देकर सियासी घमासान खड़ा कर दिया है। शीतकालीन सत्र में भाग लेने पहुंचे फतेह बहादुर ने कहा कि रामायण और रामायण के सभी पात्र काल्पनिक है और इसे मैं नहीं कह रहा हूं बल्कि वर्ष 1976 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था।
राजद विधायक फतेह बहादुर ने कहा कि यदि भगवान है तो जनता परेशान और भगवान के बीच में बिचौलिए की कोई जरुरत नहीं है। मेरे बयान से वहीं लोग परेशान हैं जो बिचौलिए है। उन्होंने कहा कि पूजा करने का ठेका सिर्फ ब्राह्मणों के पास नहीं है। हाल ही में राजद विधायक फतेज बहादुर ने कहा था कि महिषासुर समाजवादियों के राजा थे। इसलिए मनुवादी विचारधारा के लोगों द्वारा महिषासुर को गलत दिखाया गया है। उन्होंने महिषासुर की हत्या से पूर्व सभी देवता जब विराजमान थे तो उन लोगों ने महिषासुर का वध क्यों नहीं किया ?
भाजपा नेता अरविंद कुमार सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि पूरा राजद ही श्रीलंका से आया हुआ है। इसलिए रामायण उन्हें काल्पनिक लगता है। श्रीलंका में कौन रहता था, यह सबको पता है। इसलिए राजद को रामायण काल्पनिक लगता है। राजद विधायक सनतान को मानने वाले की भावनाओं को आहत करने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। राजद पूरी तरह से तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। इससे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री भी भगवान राम को लेकर विवादित बयान दें चुके है।