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बिहार: विवादों में घिरे मंत्री कार्तिकेय सिंह ने दिया इस्तीफा, बीजेपी ने कसा तंज

बिहार: पटना। बिहार में 10 अगस्त को जेडीयू-राजद-कांग्रेस महागठबंधन की सरकार बनी थी। इसके ठीक 22 दिन बाद नीतीश कुमार कैबिनेट से पहला इस्तीफा हो गया है। विवादों में घिरे गन्ना मंत्री कार्तिकेय सिंह ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बिना किसी देरी के उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और […]

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बिहार: विवादों में घिरे मंत्री कार्तिकेय सिंह ने दिया इस्तीफा, बीजेपी ने कसा तंज
  • September 1, 2022 10:48 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

बिहार:

पटना। बिहार में 10 अगस्त को जेडीयू-राजद-कांग्रेस महागठबंधन की सरकार बनी थी। इसके ठीक 22 दिन बाद नीतीश कुमार कैबिनेट से पहला इस्तीफा हो गया है। विवादों में घिरे गन्ना मंत्री कार्तिकेय सिंह ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बिना किसी देरी के उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और राज्यपाल फागू चौहान को अपनी अनुशंसा भेज दी। जानकारी के मुताबिक कार्तिकेय सिंह का गन्ना उद्योग का अतिरिक्त प्रभार राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता को दिया गया है।

कानून मंत्रालय वापस लिया गया था

बता दें कि राष्ट्रीय जनता दल के विधायक कार्तिकेय सिंह को बाहुबली अनंत सिंह का काफी करीबी माना जाता है। उनके खिलाफ अपहरण के पुराने मामले में कुछ दिनों पहले कोर्ट ने वारंट जारी किया था। जिसके बाद से ही विवादों में घिरे थे। विपक्षी पार्टियों के विरोध के बाद सीएम नीतीश ने उनसे कानून मंत्रालय छीनकर उन्हें गन्ना उद्योग मंत्री बना दिया था।

बीजेपी ने नीतीश सरकार पर कसा तंज

कार्तिकेय सिंह के इस्तीफे के बाद बिहार में विपक्षी पार्टियां नीतीश सरकार पर हमलावर हो गई हैं। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि अभी सिर्फ पहला विकेट गिरा है। अभी और भी कई विकेट गिरेंगे।

16 अगस्त को कार्तिकेय ने ली शपथ

एनडीए से नाता तोड़ने के बाद जेडीयू ने राजद-कांग्रेस और अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई। जिसके बाद 16 अगस्त को नीतीश कैबिनेट का विस्तार हुआ। जिसमें कार्तिकेय सिंह आरजेडी कोटे से मंत्री बने थे। उन्हें कानून मंत्रालय दिया गया था। जिसे लेकर बाद में सियासी संग्राम शुरू हो गया।

कार्तिकेय पर अपहरण का केस दर्ज है

राष्ट्रीय जनता दल के विधायक कार्तिकेय सिंह के खिलाफ 16 अगस्त को कोर्ट में सरेंडर करने का वारंट जारी किया गया था। उनके खिलाफ अपहरण का केस दर्ज है। जिसको लेकर उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया था। कार्तिकेय ने वारंट जारी होने के बाद सरेंडर नहीं किया और वे 16 अगस्त को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने के राजभवन पहुंच गए।

1 सितंबर तक गिरफ्तारी से राहत

गौरतलब है कि कार्तिकेय सिंह पर साल 2014 में ये अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। उन्हें बिहटा थाना क्षेत्र के बिल्डर राजू सिंह के अपहरण में आरोपी बनाया गया था। इसी मामले में मोकामा से बाहुबली विधायक अनंत सिंह भी आरोपी हैं। कोर्ट ने इसी मामले को लेकर कार्तिकेय के खिलाफ सरेंडर वारंट जारी किया था। लेकिन मंत्री बनने के बाद उन्होंने अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद कोर्ट ने कार्तिकेय को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 1 सितंबर 2022 तक रोक लगा दी थी।

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