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बिहार: CM नीतीश कुमार बोले- ‘पूरे देश में करवाई जानी चाहिए जातिगत जनगणना’

पटना। बिहार में आज से जातिगत जनगणना की शुरूआत हो गई। ये सर्वे दो चरणों में कराया जाएगा। पहले चरण में जहां आवासीय मकानों पर नंबर डाले जाएंगे। वहीं दूसरे चरण में जातिगत और आर्थिक सर्वेक्षण होगा। इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बड़ा बयान दिया है। समाधान यात्रा पर निकले सीएम […]

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(सीएम नीतीश कुमार)
  • January 7, 2023 7:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

पटना। बिहार में आज से जातिगत जनगणना की शुरूआत हो गई। ये सर्वे दो चरणों में कराया जाएगा। पहले चरण में जहां आवासीय मकानों पर नंबर डाले जाएंगे। वहीं दूसरे चरण में जातिगत और आर्थिक सर्वेक्षण होगा। इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बड़ा बयान दिया है। समाधान यात्रा पर निकले सीएम नीतीश ने वैशाली में मीडिया से बात करते हुए कहा कि इससे राज्य को बहुत फायदा होगा। जातिगत और आर्थिक जनगणना से पता चलेगा कि कहां-कहां विकास की जरूरत है। इसे देश स्तर पर लागू करवाना चाहिए।

इससे सभी वर्ग का होगा फायदा

नीतीश कुमार ने कहा कि इससे सभी वर्गो को फायदा होगा। लोगों की आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी मिलने से उनके विकास के लिए योजनाएं शुरू करने में काफी मदद मिलेगी। इसके क्षेत्र का विकास होगा। उन्होंने आगे कहा कि ये सिर्फ जाति की गणना नहीं हो रही है, लोगों का आर्थिक सर्वेक्षण भी किया जा रहा है। हम चाहते हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना की जाए।

दो चरणों में होगी ये जनगणना

बता दें कि ये जनगणना दो चरणों में होगी। पहले चरण में जहां मकान की गिनती होगी। वहीं दूसरे चरण में जाति और आर्थिक गणना होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी है। जनगणना का पहला चरण 7 जनवरी से 21 जनवरी तक चलेगा, वहीं दूसरा चरण 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा। बताया जा रहा है कि इस जातिगत जनगणना में करीब 500 करोड़ रूपये का खर्च आएगा।

मोबाइल एप का होगा इस्तेमाल

बता दें कि इस सर्वे के लिए मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा। इस ऐप में परिवार के लोगों का नाम, उनकी जाति, जन्मस्थान और परिवार के सदस्यों की संख्या से जुड़े हुए सवाल होंगे। इसके साथ ही उनके ऐप में उनकी आर्थिक स्थिति और सालाना आय से जुड़े हुए सवाल भी होंगे। जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने इस जातीय जनगणना की प्रक्रिया को पूरी करने के लिए मई 2023 तक का लक्ष्य रखा है। जिला स्तर पर गणना कराने की जिम्मेदारी संबंधित जिला मजिस्ट्रेटों को दी गई है।

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