बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पसंदीदा अफसर अंजनी कुमार सिंह को सेवानिवृत्ति के कुछ घंटों बाद ही मुख्यमंत्री का सलाहकार (नीति एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन) नियुक्त किया गया है. शुक्रवार की शाम को मंत्रिमंडल सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी.
पटना. बिहार के पूर्व मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को नीतीश कुमार ने उनके रिटायरमेंट के तुरंत बाद बड़ा तोहफा दिया है. नीतिश कुमार ने अंजनी कुमार सिंह को अपना सलाहकार नियुक्त करते हुए मंत्री पद से नवाजा है. राज्य सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी. बता दें कि अंजनी कुमार सिंह को वो सभी सुविधाएं मिलेंगी जो एक कैबिनेट मंत्री को मिलती हैं. सिंह पर नीतिश सरकार की नीतियों के निर्धारण से लेकर कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी है. बता दें कि अंजनी कुमार सिंह गुरुवार को रिटायर हुए थे.
अंजनी कुमार सिंह को नीतिश कुमार का सबसे करीबी अधिकारी माना जाता है. अंजनी काफी लंबे समय तक नीतीश कुमार के प्रधान सचिव रहे. इसके बाद नीतिश ने उन्हें बिहार का मुख्य सचिव बनाया गया था. शराबबंदी, दहेजबंदी सहित कई योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करवाने का श्रेय अंजनी कुमार सिंह को ही जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अंजनी कुमार सिंह के मंत्री के तौर पर लाखों रूपये वेतन भत्ते के साथ साथ बंगला, गाड़ी और निजी स्टाफ की सुविधा मिलेगी. उन्हें तकरीबन दो लाख रूपये वेतन-भत्ता मिलेगा. वहीं, सरकारी बंगला और लक्जरी गाड़ी की सुविधा भी मिलेगी. वर्ष 2014 में परंपराओं को तोड़ते हुए मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव से अंजनी कुमार सिंह को मुख्य सचिव बनाया गया था.
बता दें कि अंजनी कुमार 1981 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. नीतिश कुमार की मर्जी के कारण उनकी नियुक्ति मुख्य सचिव के पद पर हुई थी उस समय उनसे कई सीनियर आईएएस अधिकारी बिहार सरकार में थे. लेकिन नीतीश कुमार ने अंजनी कुमार सिंह को मुख्य सचिव बनाया था. अंजनी कुमार सिंह के नाम पर 4 साल तक मुख्य सचिव के पद पर रहने का रिकॉर्ड है.