नई दिल्ली। बिहार में नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़कर आरजेडी से हाथ मिलाकर बड़ा सियासी उलटफेर कर दिया है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली हैं और राज्य में एक बार फिर महागठबंधन की सरकार लौट आई है. राजनीतिक जानकार का मानना है कि नीतीश कुमार के जाने से […]
नई दिल्ली। बिहार में नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़कर आरजेडी से हाथ मिलाकर बड़ा सियासी उलटफेर कर दिया है. नीतीश कुमार ने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली हैं और राज्य में एक बार फिर महागठबंधन की सरकार लौट आई है. राजनीतिक जानकार का मानना है कि नीतीश कुमार के जाने से बीजेपी को बिहार में बड़ा नुकसान हुआ है। आगामी लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को कई सीटों का नुकसान हो सकता है। लेकिन बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह उसी नुकसान की भरपाई के लिए एक्शन मोड में आ गए हैं।
बता दें कि बीते दिन यानी मंगलवार को राजधानी दिल्ली में बीजेपी कोर कमेटी की एक अहम बैठक हुई थी. इस बैठक में बीजेपी के अध्य़क्ष जेपी नड्डा और अमित शाह मौजूद रहे थे. इस मीटिंग में बिहार बीजेपी के कई बड़े नेता भी शामिल हुए थे. बैठक का उदेश्य बिहार की वर्तमान स्थिति को समझना और सभी चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीति तैयार करना था. इसके अलावा पार्टी ने इस बात पर भी जोर दिया कि 2024 में आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को हर कीमत पर 35 सीटें जीतना हैं. बता दें कि बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटें आती हैं. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने जेडीयू के साथ मिलकर 39 सीटें जीतने में कामयाब रहे थे. लेकिन अब जमीन पर स्थिति बदल गई है, नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ चले गए हैं. जिसके कारण बीजेपी को घाटा हो सकता है।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि पूरी मजबूती के साथ इस जंगलराज को आमंत्रित करने वाली सरकार का मुक़ाबला करना है, कोई भी बहाना नहीं चाहिए, हम सभी की पहली जिम्मेदारी संगठन को मज़बूत करना है। कोई भी किसी पर ज़िम्मेदारी ना डाले, हर ज़िले में संगठन का विस्तार करे, संगठन की मजबूती बनाए ताकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में फायदा मिले और जो राजनैतिक संकट अभी फिलहाल बीजेपी के सामने खड़ा हुआ उसका मज़बूती से मुकाबला किया जाए.
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