Bihar Assembly Elections 2020: वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने किसान बिल का विरोध करने वाले किसानों को भी संबोधित करते हुए कहा कि मैं देश के प्रत्येक किसान को इस बात का भरोसा देता हूं कि MSP की व्यवस्था जैसे पहले चली आ रही थी, वैसे ही चलती रहेगी। इस साल रबी में गेहूं, धान, दलहन और तिलहन को मिलाकर, किसानों को 1लाख 13हजार करोड़ रु. MSP पर दिया गया है। ये राशि भी पिछले साल के मुकाबले 30% से ज्यादा है.
नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहारवासियों को बड़ी सौगात देते हुए 14,258 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले 9 राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास और 45,945 गांवों को ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट सेवाओं से जोड़ने के लिए ‘घर तक फाइबर’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया. शिलान्यास होने वाली योजनाओं में तीन महासेतु में गांधी सेतु, विक्रमशिला सेतु के समानांतर और फुलौत का चार लेन का पुल शामिल हैं. जबकि चार सड़कों में आरा-मोहनिया, रजौली-बख्तियारपुर, नरेनपुर-पूर्णिया व कन्हौली-रामनगर शामिल है.
इस दौरान वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने किसान बिल का विरोध करने वाले किसानों को भी संबोधित करते हुए कहा कि मैं देश के प्रत्येक किसान को इस बात का भरोसा देता हूं कि MSP की व्यवस्था जैसे पहले चली आ रही थी, वैसे ही चलती रहेगी। इस साल रबी में गेहूं, धान, दलहन और तिलहन को मिलाकर, किसानों को 1लाख 13हजार करोड़ रु. MSP पर दिया गया है। ये राशि भी पिछले साल के मुकाबले 30% से ज्यादा है.
पीएम मोदी वर्चुअल रैली के मुख्य बिंदु-
आज बिहार की विकास यात्रा का एक और अहम दिन है। अब से कुछ देर पहले बिहार में कनेक्टिविटी को बढ़ाने वाली 9 परियोजनाओं का शिलान्यास किया है। इन परियोजनाओं के लिए बिहार के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं: पीएम
देश के गांवों में इंटरनेट उपयोग करने वालों की संख्या शहरों से ज्यादा हो जाएगी, ये कुछ वर्षों तक सोचना मुश्किल था। किसान, गांव के युवा, महिलाएं आसानी से इंटरनेट का इस्तेमाल करेंगे इस पर भी लोग सवाल उठाते थे, लेकिन अब सारी स्थितियां बदल गई है: पीएम
इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने के साथ-साथ अब ये भी जरूरी है कि देश के गांवों में अच्छी क्वालिटी, तेज रफ्तार वाला इंटरनेट भी हो। सरकार के प्रयासों की वजह से देश की करीब डेढ़ लाख पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर पहले ही पहुंच चुका है: पीएम
यही नहीं बीते 6 साल में देशभर में 3 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर भी ऑनलाइन जोड़े गए हैं। अब यही कनेक्टिविटी देश के हर गांव तक पहुंचाने के लक्ष्य साथ देश आगे बढ़ रहा है: पीएम
Telemedicine के माध्यम से अब दूर-सुदूर के गांवों में भी सस्ता और प्रभावी इलाज गरीब को घर बैठे ही दिलाना संभव हो पाएगा। हमारे किसानों को तो इससे बहुत अधिक लाभ होगा। अच्छी फसल, मौसम का हाल जैसी कई जानकारियां उन्हें आसानी से मिलेंगी: पीएम
दुनिया में उसी देश ने सबसे तेज़ तरक्की की है, जिसने अपने इंफ्रास्ट्रक्चर पर गंभीरता से निवेश किया है। लेकिन भारत में दशकों तक ऐसा रहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के बड़े और व्यापक बदलाव लाने वाले प्रोजेक्ट्स पर उतना ध्यान नहीं दिया गया: पीएम
अटल जी की सरकार ने सबसे पहले इंफ्रास्ट्रक्चर को राजनीति का, विकास की योजनाओं का प्रमुख आधार बनाया था। इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर अब जिस स्केल पर काम हो रहा है, जिस स्पीड पर काम हो रहा है, वो अभूतपूर्व है: पीएम
बिहार की कनेक्टिविटी में सबसे बड़ी बाधा बड़ी नदियों के चलते रही है। यही कारण है कि जब पीएम पैकेज की घोषणा हो रही थी तो पुलों के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया गया था। इस पैकेज के तहत गंगा जी के ऊपर कुल 17 पुल बनाए जा रहे हैं, जिसमें से अधिकतर पूरे हो चुके हैं।
आने वाले 4 -5 सालों में इंफ्रास्ट्रक्चर पर 110 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से भी 19 लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्ट केवल हाईवे से जुड़े हैं: पीएम
कल देश की संसद ने, देश के किसानों को नए अधिकार देने वाले बहुत ही ऐतिहासिक कानूनों को पारित किया है। मैं देश के लोगों को, देश के किसानों, देश के उज्ज्वल भविष्य के आशावान लोगों को भी इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। ये सुधार 21वीं सदी के भारत की जरूरत हैं।
हमारे देश में अब तक उपज बिक्री की जो व्यवस्था चली आ रही थी, जो कानून थे, उसने किसानों के हाथ-पांव बांधे हुए थे। इन कानूनों की आड़ में देश में ऐसे ताकतवर गिरोह पैदा हो गए थे, जो किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे थे। आखिर ये कब तक चलता रहता?: पीएम
नए कृषि सुधारों ने किसान को ये आजादी दी है कि वो किसी को भी, कहीं पर भी अपनी फसल अपनी शर्तों बेच सकता है। उसे अगर मंडी में ज्यादा लाभ मिलेगा, तो वहां अपनी फसल बेचेगा। मंडी के अलावा कहीं और से ज्यादा लाभ मिल रहा होगा, तो वहां बेचने पर भी मनाही नहीं होगी।
किसानों को मिली इस आजादी के कई लाभ दिखाई देने शुरू हो गए हैं, क्योंकि इसका अध्यादेश कुछ महीने पहले निकला गया था। ऐसे प्रदेश जहां पर आलू बहुत होता है, वहां से रिपोर्ट्स हैं कि जून-जुलाई के दौरान थोक खरीदारों ने किसानों को अधिक भाव देकर सीधे कोल्ड स्टोरेज से ही आलू खरीद लिया है।
मध्य प्रदेश, यूपी, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में दालें बहुत होती हैं। इन राज्यों में पिछले साल की तुलना में 15 से 25 प्रतिशत तक ज्यादा दाम सीधे किसानों को मिले हैं। दाल मिलों ने वहां भी सीधे किसानों से खरीद की है, सीधे उन्हें ही भुगतान किया है।
अब देश अंदाजा लगा सकता है कि अचानक कुछ लोगों को जो दिक्कत होनी शुरू हुई है, वो क्यों हो रही है। कई जगह ये भी सवाल उठाया जा रहा है कि कृषि मंडियों का क्या होगा।
कृषि मंडियां कतई बंद नहीं होंगी। ये कानून, ये बदलाव कृषि मंडियों के खिलाफ नहीं हैं। कृषि मंडियों में जैसे काम पहले होता था, वैसे ही अब भी होगा। बल्कि ये हमारी ही एनडीए सरकार है जिसने देश की कृषि मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए निरंतर काम किया है।- पीएम
बहुत पुरानी कहावत है कि संगठन में शक्ति होती है। आज हमारे यहां 85% से ज्यादा किसान ऐसे हैं जो बहुत थोड़ी सी जमीन पर खेती करते हैं। जब किसी क्षेत्र के ऐसे किसान अगर एक संगठन बनाकर यही काम करते हैं, तो उनका खर्च भी कम होता है और सही कीमत भी सुनिश्चित होती है। किसानों के हितों की रक्षा के लिए दूसरा कानून बनाया गया है। ये ऐसा कानून है जिससे किसान के ऊपर कोई बंधन नहीं होगा। किसान के खेत की सुरक्षा, किसान को अच्छे बीज, खाद, इन सभी की जिम्मेदारी उसकी होगी, जो किसान से समझौता करेगा।- पीएम
कृषि व्यापार करने वाले हमारे साथियों के सामने Essential Commodities Act के कुछ प्रावधान, हमेशा आड़े आते रहे हैं। बदलते हुए समय में इसमें भी बदलाव किया है। दालें, आलू, खाद्य तेल, प्याज जैसी चीजें अब इस एक्ट के दायरे से बाहर कर दी गई हैं। कृषि क्षेत्र में इन ऐतिहासिक बदलावों के बाद, इतने बड़े व्यवस्था परिवर्तन के बाद कुछ लोगों को अपने हाथ से नियंत्रण जाता हुआ दिखाई दे रहा है। इसलिए अब ये लोग MSP पर किसानों को गुमराह करने में जुटे हैं। – पीएम
मैं देश के प्रत्येक किसान को इस बात का भरोसा देता हूं कि MSP की व्यवस्था जैसे पहले चली आ रही थी, वैसे ही चलती रहेगी। इसी तरह हर सीजन में सरकारी खरीद के लिए जिस तरह अभियान चलाया जाता है, वो भी पहले की तरह चलते रहेंगे। बीते 5 साल में जितनी सरकारी खरीद हुई है और 2014 से पहले के 5 साल में जितनी सरकारी खरीद हुई है, उसके आंकड़े इसकी गवाही देते हैं। अगर दलहन और तिलहन की बात करें तो पहले की तुलना में, दलहन और तिलहन की सरकारी खरीद करीब 24 गुना अधिक की गई है।
– पीएम
21वीं सदी के भारत का ये दायित्व है कि वो देश के किसानों के लिए आधुनिक सोच के साथ नई व्यवस्थाओं का निर्माण करे। देश के किसानों को, देश की खेती को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमारे प्रयास निरंतर जारी रहेंगे।- पीएम
Rahul Gandhi On Farm Bill: राहुल गांधी बोले- किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बना रहे PM मोदी
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