Bihar Assembly Election 2020: बिहार में गुप्तेश्वर पांडे के अलावा और भी पुलिस अधिकारी है जो इस बार खाकी छोड़कर खादी पहनने की तैयारी में हैं. 31 जुलाई को डीजी पद से रिटायर हुए 1987 बैच के आईपीएस अफसर सुनील कुमार ने भी हाल ही में जेडीयू की सदस्यता ली है और उनके गोपालगंज से चुनाव लड़ने की चर्चा है. सुनील कुमार की छवि तेज तर्रार अधिकारी की रही है.
नई दिल्ली: बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए वीआरएस लेने की इच्छा जताई है. गुप्तेश्वर पांडे के इस्तीफे के साथ ही साफ हो गया है कि वो आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. इस बीच बिहार सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए उनकी जगह एसके सिंघल को डीजीपी का प्रभार दिया है. माना जा रहा है कि गुप्तेश्वर पांडेय बक्सर से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं. सुशांत सिंह राजपूत केस के बाद सुर्खियों में आए गुप्तेश्वर पांडे 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. साल 2011 में भी गुप्तेश्वर पांडे ने पुलिस सेवा से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने की कोशिश की थी लेकिन बाद में वो फिर से पुलिस सेवा में आए गए थे.
बिहार में गुप्तेश्वर पांडे के अलावा और भी पुलिस अधिकारी है जो इस बार खाकी छोड़कर खादी पहनने की तैयारी में हैं. 31 जुलाई को डीजी पद से रिटायर हुए 1987 बैच के आईपीएस अफसर सुनील कुमार ने भी हाल ही में जेडीयू की सदस्यता ली है और उनके गोपालगंज से चुनाव लड़ने की चर्चा है. सुनील कुमार की छवि तेज तर्रार अधिकारी की रही है.
सुनील कुमार के पिता भी बिहार विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं और उनके भाई अनिल कुमार फिलहाल गोपालगंज से ही कांग्रेस के विधायक हैं. सुनील कुमार के अलावा नीतीश के करीबी एक और बड़े पुलिस अधिकारी और पूर्व डीजीपी के एस द्विवेदी के भी चुनाव लड़ने की चर्चा तेज है. माना जा रहा है कि तीनों डीजी रैंक के अधिकारी सीएम नीतीश की पसंद रहे हैं. द्विवेदी गुप्तेश्वर पांडेय से पहले राज्य के डीजीपी थे. केएस द्विवेदी के भागलपुर से चुनाव लड़ने की अटकलें हैं. द्विवेदी अपने युवा दिनों में भागलपुर में एसपी रह चुके हैं और भागलपुर में 1990 के दशक में हुए दंगें को शांत कराने में काफी अहम भूमिका निभाई थी. माना जा रहा है कि भागलपुर शहरी या उसके आस-पास की किसी विधान सभा सीट से द्विवेदी चुनाव लड़ सकते हैं. फिलहाल द्विवेदी बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष हैं.
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