नई दिल्ली: इस वक्त पूरी दुनिया में उथल-पुथल हो रहे है. ऐसे में भारत भी भविष्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहा है. इसी बीच भारतीय वायुसेना ने बड़ा कदम उठाया है.
नई दिल्ली: इस वक्त पूरी दुनिया में उथल-पुथल हो रहे है. ऐसे में भारत भी भविष्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहा है. इसी बीच भारतीय वायुसेना ने बड़ा कदम उठाया है. वायुसेना ने अपनी जरूरत के सभी सामान को भारत में ही बनाने का फैसला किया है. इस काम के लिए भारतीय वायुसेना ने समय भी तय कर दिया है.
दरअसल भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने वायुसेना दिवस से कुछ ही दिन पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में भू-राजनीतिक तनावों और संघर्षों पर चर्चा की. इस दौरान वायुसेना के प्रमुख मार्शल ए पी सिंह ने कहा कि भविष्य की किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए स्वदेशी हथियार प्रणालियों का होना बहुत जरूरी है. उन्होंने आगे कहा कि वायुसेना 2047 तक भारत में ही सभी सामान का उत्पादन करने पर विचार कर रही है.
भारतीय वायुसेना के प्रमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीन का भी जिक्र किया है और कहा कि चीन एलएसी पर बुनियादी ढांचे का निर्माण काफी तेजी से कर रहा है. चीन खासकर ये काम लद्दाख सेक्टर में ज्यादा कर रहा है. वहीं वायुसेना प्रमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रूस ने भारत को एस-400 मिसाइल सिस्टम की तीन यूनिट की आपूर्ति कर दी है. रूस ने अगले साल तक बाकी एस-400 की दो यूनिट की आपूर्ति करने का वादा किया है.
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