Congress नई दिल्ली, Congress पांच राज्यों में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त के बाद पार्टी में मंथन का दौर जारी है। बीते दिन कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे जी-23 के नेताओं ने दिल्ली में पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद के आवास पर बैठक की. इस बैठक के बाद एक बयान जारी कर कहा गया कि […]
नई दिल्ली, Congress पांच राज्यों में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त के बाद पार्टी में मंथन का दौर जारी है। बीते दिन कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे जी-23 के नेताओं ने दिल्ली में पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद के आवास पर बैठक की. इस बैठक के बाद एक बयान जारी कर कहा गया कि बीजेपी से लड़ने के लिए कांग्रेस को और मजबूत होना पड़ेगा। हम आने वाले लोकसभा चुनाव में जीत के लिए विश्वसनीय विकल्प को तैयार करने के लिए पार्टी में समान विचारधारा वाली ताकतों के साथ बातचीत शुरू करने की मांग करते हैं.
इसके साथ ही नेताओं की ओर से कहा गया कि पार्टी को पांच राज्यो में मिली हार और लगातार बड़े नेताओं का पार्टी छोड़कर जाने के सिलसिले पर ध्यान नही दिया जा रहा है। यदि हमें बीजेपी को आगामी लोकसभा चुनाव में हराना है तो पार्टी को समान विचारधारा वाले दलों से बात करनी होगी। इसके लिए पार्टी आलाकमान को सभी के साथ बैठक कर मंथन करने की आवश्यकता है। ये सभी बयान बैठक में शामिल कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, मनीष तिवारी, अखिलेश प्रताप सिंह, शंकर सिंह बघेला, शशि थरूर, एम.ए खान, संदीप दीक्षित, विवेक तन्खा, आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज बब्बर, मणिशंकर अय्यर, पी जे कुरियन, राजिंदर कौर भट्टल, कुलदीप शर्मा और प्रेणित कौर के नाम से जारी किया गया है।
बता दें इससे पहले बागी नेताओ ने बैठक के लिए कपिल सिब्बल के घर को चुना था, लेकिन देर शाम होते होते इसे बदल दिया गया। क्योंकि जी-23 के नेता ये नही चाहते थे कि इससे यह संदेश जाए कि कपिल सिब्बल ने जो बयान दिया है, उसका G-23 के बाकी नेता भी समर्थन करते हैं. पांच राज्यों में कांग्रेस को मिली हार के बाद G-23 गुट की यह दूसरी बैठक है, इससे पहले समूह की बैठक 11 फरवरी को गुलाम नबी आजाद के घर पर बैठक हुई थी।
वही दूसरी और पार्टी में कुछ नेताओं ने कपिल सिब्बल के बयान पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल एक अच्छे वकील हो सकते है, लेकिन वे एक अच्छे नेता नही है। नेताओं ने कहा कि कपिल सिब्बल कांग्रेस के किसी गावँ नही गए। वे पार्टी को कमजोर करने का काम कर रहे है।