लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अंतिम फैसला लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है. राज्य में हाल के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खराब प्रदर्शन को लेकर सबसे ज्यादा आलोचना का सामना कर रहे सीएम ने बुधवार को यहां आरएसएस के संयुक्त महासचिव अरुण कुमार के साथ बैठक की.
वहीं बैठक के बाद आदित्यनाथ के करीबी लोगों का कहना है कि वह उपचुनावों में उम्मीदवारों को अंतिम रूप देने और अभियान की रणनीति तैयार करने से लेकर पार्टी के नेताओं को नियुक्तियों के लिए चुनने तक खुली छूट चाहते हैं. मुख्यमंत्री की खुली छूट की मांग उनके खेमे के दावों के बाद आई है कि लोकसभा चुनावों के दौरान जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं, अभियान की रणनीति और उम्मीदवारों के चयन के संबंध में उनके सुझावों और इनपुट को नजरअंदाज कर दिया गया, जिससे भाजपा की सीटें घटकर 33 रह गईं, जो कि 2019 की लगभग आधी है.
दूसरे पक्ष का तर्क यह है कि आदित्यनाथ के शासन में इस मूल सिद्धांत की अनदेखी की गई है कि संगठन सरकार से बड़ा है. 15 जुलाई की बैठक में डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने दावा किया कि जब पार्टी चलाने की बात आती है तो वह किसी भी सामान्य कार्यकर्ता की तरह असहाय थे. दो दिन बाद 17 जुलाई को आदित्यनाथ ने अपने आवास पर अपने करीबी माने जाने वाले मंत्रियों के साथ एक बैठक की, जिसमें मौर्य, दूसरे डिप्टी सीएम, ब्रजेश पाठक, साथ ही प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी अनुपस्थित थे. बैठक में सीएम ने उपस्थित मंत्रियों को खाली हो रही 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की निगरानी की जिम्मेदारी दी.
कश्मीर में हिंदू लड़की से रेप, आरोपी को बचाने में लगा SHO, दहली घाटी!
60244 पदों के लिए आयोजित इस परीक्षा का परिणाम 21 नवंबर 2024, गुरुवार को जारी…
कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर लोगों को बांटने का आरोप लगाते हुए गिरिराज सिंह ने…
भारत और पाकिस्तान के बीच बड़ा संघर्ष हुआ है, जिसमें भारत ने एक बार फिर…
देश की राजधानी दिल्ली इस वक्त प्रदूषण की भयंकर मार से जूझ रही है. दिल्ली…
सलमान खान और फिल्म की लीड एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना ने 'सिकंदर' के लिए दो गाने…
संत कह रहे हैं कि ओवैसी 15 मिनट मांग रहे हैं. हमारे लिए तो सिर्फ…