Jaipur Bomb Blast: 17 साल पहले हुए सीरियल बम धमाकों के दौरान जिंदा मिले बम केस में चारों आतंकियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई हैं. कोर्ट ने 600 पेज का फैसला सुना दिया है. 13 मई को 2008 को जयपुर में 8 सीरियल ब्लास्ट हुए थे.
जयपुर बम बलास्ट से जुडे़ मामले में विशेष कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. साल 2008 में हुए इस भीषण आंतकी हमले से जुड़े मामले में न्यायाधीश रमेश कुमार जोशी ने चार आतंकियों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
#WATCH राजस्थान: जयपुर की एक विशेष अदालत ने 2008 के जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट मामले में सभी चार आरोपियों-शाहबाज हुसैन, सरवर आज़मी, मोहम्मद सैफ और सैफुर रहमान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
(वीडियो जयपुर की विशेष अदालत से है) pic.twitter.com/LMXaq11Bb0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 8, 2025
दोषियों में सरवर आजमी, सैफुरहमान, मोहम्मद सैफ और शाहबाज अहमद शामिल हैं. इन सभी को कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121-ए, 124-ए, 153-ए, 307, यूएपीए एक्ट 1967 की धारा 18, और विस्फोटक अधिनियम 1908 की धारा 4 व 5 के तहत दोषी माना है. यह मामला उस समय आया जब चांदपोल हनुमान मंदिर के पास एक जिंदा बम मिला था. जज जोशी ने 4 अप्रैल को ही सभी आरोपित को दोषी ठहराया था और अब सजा भी दिया गया है.
इससे पहले शुक्रवार को जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष अदालत ने चारों को दोषी करार दिया था. अदालत ने जिंदा बम केस में सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद को दोषी ठहराया था. और अब चारोें को मौत की सजा सुनाई गई है.
चारों आतंकियों को इंडियन पेनल कोड की 4 धाराओं, अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) की दो, विस्फोटक पदार्थ कानून की 3 धाराओं में दोषी ठहराया गया है. इन धाराओं में अधिकतम आजीवन कारावास का प्रावधान है. इनमें शाहबाज को छोड़कर सबको सीरियल ब्लास्ट में फांसी की सजा सुनाई गई थी. लेकिन हाईकोर्ट ने इन्हें बरी कर दिया था. फांसी की सजा मामले में राज्य सरकार की अपील सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है.
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