नई दिल्ली। कल बेंगलुरु में होने वाली महाबैठक से पहले विपक्षी एकता को बड़ा झटका लगा है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस पार्टी से गठबंधन से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा है कि बंगाल में सत्ताधारी टीएमसी और लेफ्ट के बीच गठबंधन की किसी प्रकार की […]
नई दिल्ली। कल बेंगलुरु में होने वाली महाबैठक से पहले विपक्षी एकता को बड़ा झटका लगा है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस पार्टी से गठबंधन से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा है कि बंगाल में सत्ताधारी टीएमसी और लेफ्ट के बीच गठबंधन की किसी प्रकार की संभावना नहीं है. येचुरी ने कहा कि वाम दल और कांग्रेस मिलकर राज्य में बीजेपी और टीएमसी दोनों से मुकाबला करेंगे.
सीताराम येचुरी ने 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर कहा कि हर राज्य में स्थिति अलग है. हम कोशिश कर रहे हैं कि मतों के विभाजन से भारतीय जनता पार्टी को कम से कम फायदा हो. तृणमूल कांग्रेस से गठबंधन न करने पर उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है. इससे पहले 2004 के लोकसभा चुनाव में वाम पार्टियों के 61 उम्मीदवार जीते थे, जिसमें 57 ने कांग्रेस के प्रत्याशियों को हराया था. फिर चुनाव के बाद विपक्षी पार्टियों ने मिलकर मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनाई और यह सरकार 10 साल तक चली.
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने आगे कहा कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में वाम दलों का ममता बनर्जी की पार्टी के साथ गठबंधन नहीं होगा. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वामपंथी पार्टियां मिलकर भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस दोनों का मुकाबला करेंगी. चुनाव के बाद केंद्र की राजनीति में गठबंधन का स्वरूप क्या होगा, इसपर बाद में निर्णय लिया जाएगा. येचुरी ने कहा कि 2004 में केंद्र में सरकार बनाने के लिए विपक्षी दलों ने जो राह अपनाई थी, वैसा ही इस बार भी किया जाएगा.
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