मथुरा कृष्ण जन्मभूमि केस में मुस्लिम पक्ष को तगड़ा झटका, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

लखनऊः मथुरा कृष्ण जन्मभूमि केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट से हिंदू पक्ष को बड़ी राहत मिली है. आज यानी गुरुवार को सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल हिंदू पक्ष की याचिकाओं को पोषणीय बताया है.

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मथुरा कृष्ण जन्मभूमि केस में मुस्लिम पक्ष को तगड़ा झटका, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

Deonandan Mandal

  • August 1, 2024 2:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

लखनऊः मथुरा कृष्ण जन्मभूमि केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट से हिंदू पक्ष को बड़ी राहत मिली है. आज यानी गुरुवार को सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल हिंदू पक्ष की याचिकाओं को पोषणीय बताया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के आर्डर 7 रूल्स 11 की आपत्ति को खारिज कर दिया. यह फैसला जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने सुनाया है. इन याचिकाओं पर पूरी सुनवाई होने के बाद हाईकोर्ट ने 31 मई को अपना जजमेंट रिजर्व रख लिया था.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से तय हो गया है कि मथुरा के मंदिर-मस्जिद विवाद में हिंदू पक्ष की याचिकाएं सुनवाई योग्य हैं. कोर्ट से मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज होने के बाद हिंदू पक्ष की याचिकाओं पर आगे सुनवाई होगी.

हिंदू पक्ष ने 18 याचिकाएं दाखिल की थी

आपको बता दें कि हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल की गई 18 याचिकाओं में शाही ईदगाह मस्जिद को कृष्ण जन्मभूमि बताकर उसे हिंदुओं को सौंपे जाने की मांग की गई थी. इस मामले में अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर सर्वेक्षण कराए जाने की मांग की गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा की जिला अदालत में दाखिल की गई याचिकाओं को सुनवाई के लिए अपने पास मंगा लिया था.

HC ने मुस्लिमों की दलीलें खारिज की

कोर्ट में दाखिल 18 में से 15 याचिकाओं पर एक साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है, जबकि हाईकोर्ट द्वारा तीन याचिकाओं को अलग कर दिया गया था. हिंदू पक्ष की याचिकाओं पर शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत आपत्ति दाखिल की थी. इन याचिकाओं की पोषणीयता को मुस्लिम पक्ष ने चुनौती दी थी.

हिंदू पक्ष की याचिकाएं पोषणीय

मुस्लिम पक्ष ने मुख्य रूप से स्पेसिफिक पजेशन रिलीफ एक्ट, लिमिटेशन एक्ट, प्लेसिस आफ वरशिप एक्ट और वक्फ एक्ट का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष की याचिकाओं को खारिज किए जाने की दलील पेश की थी. कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की दलीलें खारिज करते हुए हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल याचिकाओं को पोषणीय बताया है.

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