नई दिल्ली: डोकलाम विवाद पर आख़िरकार लोटे शेरिंग ने अपनी चुप्पी तोड़ी, उनका कहना है कि सभी देश बराबर है और इस मामले के हल के लिए भारत और चीन को भी उनके साथ बैठना होगा। बता दें कि चीन भूटान के हिस्से पर कब्ज़ा करने के बाद अब भारत के इलाके में भी घुसपैठ […]
नई दिल्ली: डोकलाम विवाद पर आख़िरकार लोटे शेरिंग ने अपनी चुप्पी तोड़ी, उनका कहना है कि सभी देश बराबर है और इस मामले के हल के लिए भारत और चीन को भी उनके साथ बैठना होगा। बता दें कि चीन भूटान के हिस्से पर कब्ज़ा करने के बाद अब भारत के इलाके में भी घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा है।
भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग बेल्जियम के एक दैनिक अखबार ‘ला लिबरे’ को इंटरव्यू दिया है जिसमे उन्होंने कहा कि डोकलाम विवाद का हल निकालने में चीन की बराबर की हिस्सेदारी बनती है अथवा मामले का हल निकलने की ज़िम्मेदारी सिर्फ भूटान की नहीं है।
इनका यह बयान भारत के लिए चिंता का विषय इस लिए बन गया है क्योंकि चीन इस ट्राई जंक्शन को माउंट जिपमोची नाम की चोटी पर शिफ्ट करना चाहता है जिसके कारण डोकलाम कानूनी तौर से चीन का हिस्सा हो जायेगा।
यह मामला 18 जून 2017 से शुरू हुआ जब लगभग कुछ 300 भारतीय सैनिक बुलडोज़र्स के मदद से भारत-चीन सीमा को पार करके चीन के द्वारा हो रहे सड़क निर्माण को रोका था। भारत का यह कहना था कि भूटान और चीन के बीच की यह जगह विवादित है और इसपे सड़क बनाना ठीक नहीं रहेगा, यही मुद्दा आगे चलकर दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध का कारण बना।
प्रधानमंत्री शेरिंग ने इस विवाद पर चीन को लेकर एक और चिंतनीय बयान दिया है, जिसमें उन्होंने चीन द्वारा गांव बसाए जाने के दावे को खारिज किया है, उनका कहना है कि चीन द्वारा उसकी सीमा में 10 गांव बनाए जाने वाली बात बिलकुल गलत है। बता दें कि वर्ष 2020 में कुछ सैटेलाइट तस्वीरों की मदद से चीन ने ये दावा किया था कि उन्होंने भूटान की सीमा के 2km अंदर तक गाँव बना लिया है, उस समय भूटान सरकार ने इस बात पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई थी लेकिन अब लोटे शेरिंग ने इस दावे को ख़ारिज करार दिया है।
Karnataka विधानसभा चुनाव के तारीखों का आज ऐलान, 11.30 बजे होगी चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस
आगरा के जेल में नवरात्र पर पेश की जा रही मिसाल, हिंदू के साथ मुस्लिम भी रख रहे नवरात्र का व्रत्र