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BHU students protest : बीएचयू में नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाने को लेकर बवाल

BHU students protest: नारस हिन्दू विश्वविद्यालय में नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाने के प्रस्ताव को लेकर विवाद छिड़ गया हैं। मंगलवार को छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद आज बुधवार17 मार्च को विश्वविद्यालय द्वारा लेटर जारी करते हुए कहा गया है कि नीता अंबानी को विश्वविद्यालय के किसी भी संकाय/विभाग/केन्द्र में विजिटिंग प्रोफेसर नियुक्त करने या शिक्षण की कोई भी जिम्मेदारी देने संबंधी कोई भी आधिकारिक निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन ने नहीं लिया है और न ही ऐसा कोई प्रशासनिक आदेश जारी किया गया है।

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neeta ambani
  • March 18, 2021 3:32 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

नई दिल्ली. बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाने के प्रस्ताव को लेकर विवाद छिड़ गया हैं। मंगलवार को छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद आज बुधवार17 मार्च को विश्वविद्यालय द्वारा लेटर जारी करते हुए कहा गया है कि नीता अंबानी को विश्वविद्यालय के किसी भी संकाय/विभाग/केन्द्र में विजिटिंग प्रोफेसर नियुक्त करने या शिक्षण की कोई भी जिम्मेदारी देने संबंधी कोई भी आधिकारिक निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन ने नहीं लिया है और न ही ऐसा कोई प्रशासनिक आदेश जारी किया गया है।

बता दें नीता अंबानी रिलायंस इंडस्ट्री के मालिक मुकेश अंबानी की पत्नी हैं। दरअसल बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय के अंतर्गत महिला अध्ययन व विकास केंद्र में विजिटिंग प्रोफेसर बनाने के प्रस्ताव को लेकर 12 मार्च को नीता अंबानी को लेटर भेजा गया था। जिसका छात्रों द्वारा विरोध किया गया था। वाईस चांसलर ने छात्रों को आश्वासन दिया कि नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर नहीं बनाया जा रहा है, तब जाकर छात्रों का विरोध समाप्त हुआ। डीन प्रो कौशल किशोर मिश्रा द्वारा मीडिया में प्रस्ताव भेजने की पुष्टि बयान देकर किया गया था।

आपको बतादें बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा जारी लेटर में कहा गया है कि नीता अंबानी को विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर नियुक्त करने या शिक्षण की कोई भी जिम्मेदारी देने संबंधी कोई भी आधिकारिक निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन ने नहीं लिया है और न ही ऐसा कोई प्रशासनिक आदेश जारी किया गया है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए विद्वत परिषद की मंजूरी
आवश्यक होती है। इस मामले में न तो ऐसी कोई मंजूरी दी गई है और न ही इस प्रकार का कोई प्रस्ताव विद्वत परिषद के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत हुआ है।

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