नई दिल्ली. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में शनिवार को छात्रों ने जमकर प्रदर्शन किया. छात्रों ने ये प्रदर्शन बीएचयू के सस्पेंड किए गए प्रोफेसर की बहाली को लेकर किया. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एसके चौबे पर यूनिवर्सिटी की एक छात्रा से छेड़छाड़ करने का आरोप है. शनिवार को विश्वविद्यालय के सिंह द्वार पर सैकड़ों की तादाद में इकट्ठा होकर छात्रों और छात्राओं ने उस दौरान प्रदर्शन किया जब उन्हें पता चला कि प्रोफेसर चौबे को विश्वविद्यालय प्रसाशन ने बहाल कर दिया है. वहीं विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों को रजिस्ट्रार ने कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है.
यूनिवर्सिटी के सिंह द्वार पर प्रदर्शन कर रहे छात्राओं की मांग है कि बहाल किए गए प्रोफेसर एसके चौबे पर कड़ी कार्रवाई की जाए जिसपर छात्राओं ने छेड़खानी का आरोप लगाया है. छात्राओं का कहना है कि जंतु विज्ञान के प्रोफेसर एसके चौबे ने टूर प्रोग्राम के दौरान छात्राओं के साथ बदसलूकी और छेड़खानी की थी. हालांकि ये मामला बीते साल का है. जांच के बाद आरोपी प्रोफेसर को लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया था लेकिन जैसे ही प्रोफेसर की छुट्टी खत्म हुई वह वापस विश्वविद्यालय अपनी ड्यूटी पर पहुंचा जिसके बाद में बीएचयू के छात्र-छात्राओं ने जमकर विरोध किया.
विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर भी निशाना साधा. छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रोफेसर कि खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की और आरोपी को सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया. विरोध प्रदर्शन को देखते हुए विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार नीरज त्रिपाठी ने छात्रों को कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है. उन्होंने कहा कि प्रोफेसर चौबे को पहले निलंबित कर दिया गया था और अब उन्हें सेंसर कर दिया गया है. उन्हें विश्वविद्यालय में कोई पद नहीं मिल सकता और न ही वह किसी कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं, इसके अलावा वह किसी कॉलेज में पढ़ाने के लिए अप्लाई नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ यह मामला फिर से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के निर्णय लेने वाली उच्च संस्था के सामने रखा जाएगा.
बता दें कि यौन दुराचार के आरोपी प्रोफेसर को बीते साल अक्टूबर में विश्वविद्यालय से सस्पेंड कर दिया गया था. उनकी बहाली के बाद बीते शुक्रवार को विश्वविद्यालय की चार छात्राओं ने वाइस चांसलर को ज्ञापन सौंपा था. बीते साल विश्वविद्यालय में एक छात्रा के साथ छेड़खानी का मामला आया था. जिसके बाद आरोपी प्रोफेसर की बर्खास्तगी के लिए विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन किया. जिन्हें बाद में पुलिस ने तितर बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया था.
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