पुणे. यूएपीए कोर्ट में पुणे पुलिस ने गुरुवार को 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. इनमें 5 वे एक्टिविस्ट थे, जिन्हें 6 जून को यलगार परिषद् आयोजित कराने को लेकर गिरफ्तार किया गया और अन्य 5 ”भूमिगत सीपीआई (माओवादी) कार्यकर्ता हैं, जिन पर पीएम नरेंद्र मोदी की हत्या और हथियारों के बल पर चुनी हुई सरकार को हटाने का आरोप है.”
यलगार परिषद मामले में चार्जशीट फाइल करने के लिए पुलिस को अतिरिक्त समय न दिए जाने के बंबई हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से एक पहले यह कदम उठाया गया है. 29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के वकील की उस दलील के बाद हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि गिरफ्तार किए गए 5 एक्टिविस्ट्स को खुद-ब-खुद बेल मिल जाएगी.
चार्जशीट में जिन एक्टिविस्ट्स के नाम हैं, उनमें सुधीर धावले, रोना विल्सन, सुरेंद्र गाडलिंग, सोमा सेन और महेश रौत का नाम है. इन सभी को 6 जून को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल ये सभी यरवडा जेल में न्यायिक हिरासत के तहत बंद हैं.
क्या है चार्जशीट में: पुणे पुलिस की चार्जशीट में कहा गया कि 5 अंडरग्राउंड माओवादी पीएम नरेंद्र मोदी को मारने की साजिश रच रहे थे. इनमें प्रशांत बोस उर्फ किशनदा, प्रकाश उर्फ नवीश उर्फ रितुपर्णा गोस्वामी और ”कॉमरेड एम” उर्फ दीपक उर्फ मिलिंद तलतुम्डे का नाम शामिल है.
चार्जशीट में पुलिस ने कहा कि माओवादियों ने 31 दिसंबर 2017 को पुणे में यलगार परिषद को समर्थन और फंड दिया. यह हिंसा फैलाने और सरकार का तख्तापलट करने की साजिश थी. पुलिस ने कहा कि यलगार परिषद में भड़काऊ भाषण के कारण 1 जनवरी को पुणे के पास भीमा कोरेगांव में सांप्रदायिक हिंसा हुई.
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