Bhima Koregaon Probe Highlights: माओवादी के संगठनों के जुड़े. भीमा-कोरेगांव हिंसा से जुड़े होने और समाज में अराजकता फैलाने के आरोपी पांच एक्टिविस्ट एक्टिविस्ट कवि वरवरा राव, अरुण पेरेरा, गौतम नवलखा, वेरनोन गोन्जाल्विस और सुधा भारद्वाज का हाउस अरेस्ट सुप्रीम के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है अब 12 सितंबर तक पांचों एक्टिविस्ट्स नजरबंद रहेंगे.
नई दिल्लीः Bhima Koregaon Probe Highlights: भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है अब पांचों एक्टिविस्ट्स 12 सितंबर कर नजरबंद रहेंगे सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ को आज इस बात का फैसला करना था कि पांच एक्टिविस्ट कवि वरवरा राव, अरुण पेरेरा, गौतम नवलखा, वेरनोन गोन्जाल्विस और सुधा भारद्वाज की हाउस अरेस्ट की मियाद बढ़ाई जाए या उनकी गिरफ्तारी के आदेश दे दिए जाएं . गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था और साथ ही पांच एक्टिविस्ट को राहत देते हुए 6 सितंबर तक हाउस अरेस्ट यानी नजरबंद रखने का आदेश दिया था.
इस मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था कि असहमति लोकतंत्र की सेफ्टी वॉल है, इसे रोका तो यह फट जाएगा. वहीं याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी का कहना था कि एफआईआर में गिरफ्तार हुए लोगों के नाम तक नहीं है. जिसके जवाब में पुणे पुलिस की ओर से पेश एएसजी तुषार मेहता ने कहा था कि याचिका दायर करने वालों का इस केस से कोई लेना-देना नहीं है. आपको बता दें कि याचिकाकर्ता रोमिला थापर, देवकी जैन, प्रभात पटनायक, सतीश देशपांडे और माया दारूवाला ने याचिका दायर कर पुणे पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को चुनौती दी है.
आपको बता दें कि भीमा कोरेगांव मामले में महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को हलफनामा दायर किया जिसमें बताया गया कि गिरफ्तार हुए पांच एक्टिविस्ट समाज में अराजकता फैलाना चाह रहे थे. पुलिस ने दावा किया कि पांचों के खिलाफ उनके पास पुख्ता सबूत भी हैं. राज्य सरकार का कहना है कि पांचों एक्टिविस्ट के प्रतिबंधित आतंकि यानी माओवादी संगठन होने के सदस्य होने के सबूत हैं.
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