Bhima Koregaon case: पुणे की विशेष अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज, वेरनॉन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. जिसके बादवेरनॉन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
नई दिल्ली. भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार सोशल एक्टिविस्ट सुधा भारद्वाज, वेरनॉन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा की जमानत याचिका खारिज कर दी है. इन तीनों सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुणे की विशेष अदालत ने राहत देने से इनकार कर दिया है. जिसके बाद वेरनॉन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बता दें तीनों हाऊस अरेस्ट (नजरबंद) थें जिसकी अवधि आज खत्म होनी थी. इस मामले में न्यायमूर्ति के डी वडने ने यह फैसला सुनाया.
भीमा कोरेगांव मामले में हाउस अरेस्ट में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अरुण फरेरा और वर्नान को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने दोनों के हाऊस अरेस्ट अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अरुण फरेरा और गोनसालविस बचाव पक्ष ने सेशन कोर्ट में आज खत्म हो रही हाऊस अरेस्ट के लिए सात दिन बढ़ाने की मांग की थी.
बता दें सुधा, अरुण और वेर्नान तीनों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपने घरों में ही नजर बंद थे. गौरतलब है कि 28 अगस्त को भीमा कोरेगांव हिंसा की साजिश रचने और नक्सलवादियों से संबंध रखने के आरोप ने देश भर में पुलिस की छापेमारी की गई जिसके बाद अलग अलग शहरों से वामपंथी विचारक गौतम नवलखा, वारवर राव, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरा और वरनोन गोंजालविस को गिरफ्तार किया था.
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