भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को पहले 1 नवंबर को रिहा किया जाना था. लेकिन उन्हें शुक्रवार देर रात ही छोड़ दिया गया. यूपी सरकार ने उन पर लगाई गई रासुका भी हटा ली है.
सहारनपुर. भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को शुक्रवार देर रात 2 बजे उत्तर प्रदेश सरकार ने सहारनपुर जेल से रिहा कर दिया. रिहाई के बाद रावण ने कहा, अगले 10 दिनों में सरकार मुझे किसी आरोप में दोबारा फंसाने की कोशिश करेगी, वह मुझसे डर गई है. मैं लोगों से यही कहूंगा कि साल 2019 में वो बीजेपी को सत्ता में वापसी न करने दे.
रावण को उनकी मां के अनुरोध और प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर छोड़ा गया. चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 (रासुका) के तहत मामला दर्ज कर जेल भेजा गया था. वह पिछले 16 महीनों से बंद थे. पहले कहा गया था कि उन्हें 1 नवंबर को छोड़ा जाएगा, लेकिन रिहाई के आदेश के अगले दिन ही रावण को छोड़ दिया गया. योगी सरकार ने उन पर लगाया गया रासुका कानून भी हटा दिया है.
इस युवा नेता पर सहारनपुर हिंसा भड़काने का आरोप था. बता दें कि तीन साल पहले चंद्रशेखर ने भीम आर्मी का गठन किया था और पिछड़ी जातियों में यह काफी मशहूर है. भीम आर्मी के करीब 300 स्कूल भी चल रहे हैं. रावण को युपी पुलिस ने पिछले साल हिमाचल प्रदेश के डलहौजी से अरेस्ट किया था. पुलिस ने उसके बारे में सूचना देने वाले को 12 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा भी की थी.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के चटमलपुर के पास घडकोली गांव में पैदा हुए चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने स्कूली शिक्षा के बाद कानून की पढ़ाई की है.पहली बार वह साल 2015 में उस वक्त विवादों में आ गए थे, जब उन्होंने घडकोली गांव के एक बोर्ड पर लिखा था-धडकोली वेलकम यू द ग्रेट चमार्स. इसके बाद बाद गांव के ठाकुरों व एससी-एसटी वर्ग के बीच में मामला गर्मा गया था.
चंद्रशेखर रावण प्रोफाइल: भीम आर्मी बनाने से लेकर सहारनपुर हिंसा और फिर जेल जाने तक का सफर
योगी सरकार ने दिया भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण की रिहाई का आदेश, 1 नवंबर को निकलेंगे जेल से बाहर