देश-प्रदेश

Bharat Ratna Narasimha Rao: नरसिम्हा राव ने कैसे बदली थी देश की तस्वीर, 1991 में बने थे 9वें प्रधानमंत्री

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा की. वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन को भारत रत्न का एलान किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ”एक्स” पर इसकी घोषणा की है. भारतीय आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में जानें जाने वाले नरसिम्हा राव ने 1991 से 1996 तक भारत के 9वें प्रधानमंत्री के रूप में काम किया। PV नरसिम्हा राव को संगीत सिनेमा और थिएटर बेहद पसंद था। उनकी रुचि भारतीय दर्शन और राजनीतिक टिप्पणी लिखने भाषाएं सीखने तेलुगु और हिंदी में कविताएं लिखने और सामान्य रूप से साहित्य की जानकारी रखने में थी।

राजनीतिक कैरियर

पीवी नरसिम्‍हा राव स्वतंत्रता संग्राम में एक कार्यकर्ता के रूप में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। पीवी नरसिम्‍हा राव आंध्र प्रदेश राज्य विधान सभा के सदस्य थे और लोकसभा में आंध्र प्रदेश का प्रतिनिधित्व भी करते थे. उन्होंने 1980 से 1984 तक देश के विदेश मंत्री के रूप में भी काम किया। पीवी नरसिम्‍हा राव को भारतीय आर्थिक सुधारों का जनक के नाम से भी जाना जाता है. भारत के 11वें राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने उन्हें देशभक्त राजनेता के रूप में वर्णित किया, जो मानते थे कि देश राजनीति से ऊपर है। पीवी नरसिम्हा राव ने महाराष्ट्रा के नन्द्याल से चुनाव लड़ा और उसमें 5 लाख वोट से जीत हासिल की, जिसके लिए इनका नाम गिनीज बुक में शामिल हो गया।

योगदान

PV नरसिम्‍हा राव को व्यापक आर्थिक सुधारों का आरभं करने के लिए जाना जाता है, जिन्होंने 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था को उदार बनाया और भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से पूर्वी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के साथ फिर से जोड़ दिया। पीवी नरसिम्‍हा राव लाइसेंस राज को खत्म करने और भारतीय उद्योगों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए लालफीताशाही का कार्य करने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार थे।

शिक्षा नीति और राष्ट्रीय स्तर पर नवोदय विद्यालयों के रूप में आवासीय विद्यालयों की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। पीवी नरसिम्‍हा राव ने अपने कार्यकाल के दौरान परमाणु सुरक्षा की मजबूत नींव रखी। प्रधानमंत्री के रूप में पीवी नरसिम्‍हा राव का शासनकाल के दौरान, लुक ईस्ट नीति का निर्माण और स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने वाले 73वें और 74वें संवैधानिक संशोधनों का महत्वपूर्ण योगदान था।

पीवी नरसिम्हा राव का निधन

23 दिसम्बर 2004 में नई दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से PV नरसिम्हा राव का निधन हो गया था। उनका अंतिम संस्कार हैदराबाद में हुआ था।

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Tuba Khan

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