नई दिल्ली। पीएम मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट करके तीन हस्तियों को भारत रत्न दिए जाने का एलान किया। इनमें किसान नेता तथा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन शामिल हैं। इससे पहले 23 जनवरी को बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी […]
नई दिल्ली। पीएम मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट करके तीन हस्तियों को भारत रत्न दिए जाने का एलान किया। इनमें किसान नेता तथा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन शामिल हैं। इससे पहले 23 जनवरी को बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर और 3 फरवरी को देश के पूर्व-उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा हुई थी। आइए जानते हैं कि बीजेपी चुनावी साल में पांच लोगों को भारत रत्न देकर कौन से सियासी समीकरण साथ रही है।
चौधरी चरण सिंह को किसानों के मसीहा के रूप में पहचाना जाता है। इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के जाट बहुल सीटों पर चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने से असर पड़ सकता है। इन क्षेत्रों की लगभग 40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां जाट मतदाताओं का असर रहता है।
वहीं चौधरी चरण सिंह के पोते और राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी के बीजेपी के साथ जाने की अटकलें पिछले कई दिनों से लग रही हैं। चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के बाद जयंत ने एक्स पर पोस्ट किया ‘दिल जीत लिया।’ जयंत चौधरी अगर बीजेपी के साथ जाते हैं तो पश्चिम उत्तर प्रदेश में भाजपा को काफी फायदा होगा।
विपक्ष लगातार ये आरोप लगाता रहा कि पीएम मोदी प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की हमेशा आलोचना करते हैं और कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्रियों के प्रति उनका रवैया सदैव आलोचनात्मक रहा है। एक दिन पहले पीएम मोदी ने राज्यसभा में पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह की प्रशंसा की थी और कहा था कि वे व्हीलचेयर पर भी सदन में आते रहे तथा लोकतंत्र को ताकत देते रहे। अगले ही दिन नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने की घोषणा हो गई।
बतौर वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन की बेमिसाल उपलब्धियां रही हैं। इसके अलावा उनकी शख्सियत दक्षिण भारत का भी प्रतिनिधित्व करती रही है। स्वामीनाथन को मरणोपरांत भारत रत्न देने से दक्षिण को साधने की बीजेपी की रणनीति को और मजबूती मिल सकती है। स्वामीनाथन को कृषि क्रांति का जनक कहा जाता है। उनको भारत रत्न देने से दक्षिण के साथ ही भाजपा की किसानों को साधने की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है।