Salman Khan Bharat Movie Political Review: सलमान खान की फिल्म भारत बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई कर रही है. इस फिल्म में भारत की आजादी से लेकर साल 2010 तक की भारत नाम के एक व्यक्ति की जिंदगी से जुड़ीं असाधारण कहानियों का जिक्र है. भारत मूवी के जरिये डायरेक्टर अली अब्बास जफर ने सलमान की जिंदगी और जॉब्स ढूंढने के बहाने भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के वक्त और उनके मरने के फौरन बाद बेरोजगारी का जबरदस्त नजारा देश को दिखाया है. ऐसे में वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में एनएसएसओ की रिपोर्ट में बेरोजगारी की दर 6.1 दिखाए जाने से बीजेपी के जो नेता परेशान हैं, उनके लिए यह फिल्म एक तरह से मरहम की तरह है. नेहरू काल में बेरोजगारी की भयावह स्थिति का भारत फिल्म में जिक्र किया गया है.
नई दिल्ली. Salman Khan Bharat Movie Political Review: सलमान खान की फिल्म ‘भारत’ साउथ कोरियाई फिल्म ‘ऑड टू माई फादर’ की ऑफिशियल रीमेक है. ऐसे में मूवी के डायरेक्टर अली अब्बास जफर ने कहानी को साउथ कोरिया और नॉर्थ कोरिया की जगह भारत-पाकिस्तान के बंटवारे में तब्दील कर दिया कि कैसे भारत (सलमान) लाहौर के पास मीरपुर से पुरानी दिल्ली बचपन में मां और भाई-बहन के साथ आ जाते हैं, लेकिन पिता और एक छोटी बहन वहीं छूट जाते हैं. ऐसे में सलमान की जिंदगी और जॉब्स ढूंढने के बहाने ये मूवी पंडित नेहरू के वक्त और उनके मरने के फौरन बाद बेरोजगारी का जबरदस्त नजारा देश को दिखाती है.
वैसे भी मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के बाद जिस तरह एनएसएसओ की रिपोर्ट में बेरोजगारी की दर 6.1 दिखाए जाने से बीजेपी के नेता थोड़े परेशान हैं, वोइस मूवी में नेहरू के 17 साल के राज के बाद यानी 1964 में देश में बेरोजगारी का कैसा भयावह आलम था, देखकर राहत की सांस ले सकते हैं. कैसे सलमान सर्कस में काम करने को भी तैयार हैं, उसके बाद रोजगार दफ्तरों के बाहर लंबी-लंबी लाइनों में युवा लगे रहते हैं और कोई भी, कैसी भी और कहीं भी नौकरी करने के लिए तैयार होते हैं.
यहां तक सलमान खान और उनके दोस्त अरब में तेल मिलने पर वहां भी मजदूरी के लिए जाने को तैयार दिखाए जाते हैं, उसके बाद मर्चेन्ट नेवी के जहाज पर भी खलासी करने चले जाते हैं. और सबसे दिलचस्प बात है कि डायरेक्टर ने खास तौर पर नेहरूजी की मौत के बाद अंतिम यात्रा का सीन दिखाया और उसके बाद बाकायदा स्क्रीन पर मौत की साल यानी 1964 लिखकर बेरोजगारों की लंबी लाइनें दिखाईं. इतना ही नहीं, नेहरूजी का मजाक उड़ाने में भी सलमान खान के डायरेक्टर ने कोई कसर नहीं छोड़ी.
आप ही बताइए भला कहीं कॉमेडी की दुनिया के डॉक्टर मशहूर गुलाटी यानी सुनील ग्रोवर की शक्ल कहीं से भी, रत्ती भर भी पंडित नेहरूजी से मिलती है क्या? लेकिन डायरेक्टर ने मिलवा दी. मूवी में दिखाया गया है कि सलमान की बहन पंडित नेहरू से एकतरफा इश्क करती हैं और उनके मरने पर फूट-फूटकर रोती भी हैं. इसलिए सलमान की फैमिली विलायती खान का रोल कर रहे सुनील ग्रोवर से उसकी शादी करवाना चाहती है ताकि नेहरूजी की कमी पूरी हो जाए. उसके पीछे दावा ये कि विलायती की शक्ल पंडित नेहरू से मिलती-जुलती है.
कुल मिलाकर जो लोग मोदीजी के पहले कार्यकाल के बाद बेरोजगारी की 6.1 फीसदी की दर से परेशान हैं या उसका रोना रो रहे हैं, उनको सलमान खान की भारत मूवी में नेहरूजी के 17 साल के राज के बाद बेराजगारी का भयावह आलम देखने के लिए भारत मूवी जरूर देखनी चाहिए. लोग तो ये तक कह रहे हैं कि 2014 में मोदी जी के साथ पतंग उडाकर उनकी झोली में अपने फैंस के लाखों वोट डलवाने के बाद सलमान ने बेरोजगारी के आंकड़ों पर घिर रही मोदी सरकार के चाहने वालों के लिए फिर से राहत दे दी है.