जम्मू कश्मीर: सोमवार को राहुल गाँधी की अगुआई वाली कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का समापन हो गया. श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में इस दौरान राहुल गांधी ने अपना संबोधन दिया. इस दौरान राहुल केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर बरसे. आइए जानते हैं क्या रहीं उनके इस भाषण की बड़ी बातें.
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि भले ही ‘आज बर्फ में खड़े हैं, लेकिन किसी को सर्दी नहीं लग रही है. आप बारिश में भी खड़े रहे लेकिन कोई भीगा नहीं. आपको गर्मी में, गर्मी नहीं लगी और सर्दी में सर्दी नहीं लगी. क्योंकि इस समय पूरे देश की शक्ति आपके साथ है. इस संबोधन में राहुल गांधी ने बताया कि उन्होंने कश्मीर आने से पहले प्रियंका गांधी को फ़ोन किया था और बताया था कि उन्हें अजीब महसूस हो रहा है. उन्हें ऐसा लग रहा है कि वह अपने घर जा रहे हैं. जब भी वह कश्मीर के लोगों से मिलते हैं तो उनकी आँखों में आंसू आ जाते हैं और सीने में दर्द होने लगता है.
कांग्रेस नेता ने आगे बताया कि यात्रा के दौरान बहुत कुछ सीखने को मिला. दर्द सह लिया जहां रास्ते में एक दिन दर्द हो रहा था, 6-7 घंटे और चलने में और मुश्किल लग रहा था. उस समय एक छोटी बच्ची , मेरे पास आई और उसने कहा कि मैंने तुम्हारे लिए ये लिखा, लेकिन इसे बाद में पढ़ना. फिर वो गले लगकर भाग चली गई. जब मैंने देखा तो उसने लिखा था कि मुझे दिख रहा है कि आपके घुटने में दर्द है. में आपके साथ कश्मीर नहीं आ सकती लेकिन मैं दिल से आपके साथ चल रही हूं, क्योंकि मैं जानती हूँ की आप मेरे लिए चल रहे हैं.
राहुल ने अपने इस संबोधन में कहा कि उसी समय सर्दी भी बढ़ रही थी. एक दिन जब सुबह का समय था तो उनके पास चार बच्चे आए जो भीख मांग रहे थे. उनके शरीर पर कपड़े नहीं थे और शायद वह मजदूर थे. मैं ये चीजें देखता नहीं हूं इसलिए मैंने उन्हें गले लगाया. उन्हें ठंड लग रही थी और वह कांप रहे थे. मैंने सोचा ये स्वेटर और जैकेट नहीं पहन रहे, तो मुझे भी नहीं पहननी चाहिए. लेकिन मैं झिझक रहा था क्योंकि मैं चल रहा था.
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में आगे कहा की ‘जब मैं चल रहा था, तो बहुत सारी महिलाएं रो रही थीं. ये महिलाएं भावुक थीं और मुझसे मिलकर रो रही थीं. इनमें से कई महिलाएं ऐसी भी थीं जिन्होंने कहा कि उनके साथ रेप हुआ और उनका उत्पीड़न हुआ है. जब मैने उनसे कहा था कि मैं पुलिस से कहूं, तो उन्होंने इनकार कर दिया। उनके अनुसार ऐसा कहने से उनके लिए मुसीबत खड़ी हो जाएगी.
राहुल ने आगे बताया कि ‘मेरा परिवार कश्मीर से गंगा की ओर आया. इलाहाबाद संगम के किनारे हमारा एक घर है. वहाँ जाकर उन्होंने कश्मीरियत की सोच को गंगा में डाला था. यूपी में उन्होंने उस सोच को फैलाया. इसे ही गंगा जमुना तहजीब कहा जाता है जिसको मेरे परिवार ने उन्हें सिखाया. इसमें बौद्ध धर्म भी है.
राहुल आगे बताते हैं कि ‘मुझे सिक्योरिटी वालों ने बताया था की आप जम्मू में भी चल सकते हो यदि आप पूरे हिन्दुस्तान में चल सकते हो. लेकिन आखिरी चार दिन कश्मीर में आपको, गाड़ी से चलना होगा. वेणुगोपाल जी ने मुझसे कहा और अन्य लोगों ने भी मुझे तीन चार दिन प्रशासन ने शायद डराने के लिए कहा कि पदयात्रा में आपके ऊपर शायद ग्रेनेड फेंका जाएगा. मैंने कहा कि मैं अपने घर वापस जा रहा हूं. यहां चार दिन पैदल चलूंगा तो ही घर के लोगों के बीच चलूंगा. मैंने सोचा कि जो मुझसे नफरत करते हैं उनकों क्यों ना मेरी सफेद टीशर्ट का रंग लाल करने का मौका दूं.
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि यहां जो CRPF और सेना के लोग काम करते हैं, उनसे मैं कुछ कहना चाहता हूं. मैं कश्मीर के सभी लोगों और जवानों के परिवारों से कहना चाहता हूं कि मैं हिंसा को समझता हूं. मैंने भी हिंसा सही और हिंसा देखी है. जो हिंसा नहीं सहता, उन्हें ये समझ में नहीं आएगा. जैसे मोदी और अमित शाह हैं. इसी के साथ संघ के लोग हैं, उन्होंने हिंसा नहीं देखी है और न ही हिंसा सही. मैं गारंटी देकर कहता हूं कि जैसे मैं चार दिन चल पाया भाजपा के नेता नहीं चल पाएंगे.
राहुल ने आगे बताया कि ये बात अमित शाह और पीएम मोदी समझ नहीं पाएंगे. लेकिन ये बात कश्मीर के लोग समझ सकते हैं. ये बात CRPF और आर्मी के लोगों और उनके घरवालों को समझ आएगी.
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