Bharat Band नई दिल्ली, Bharat Band केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर दो दिन की हड़ताल पर निकले सरकारी कर्मचारियों के इस विरोध का आज दूसरा दिन है. जहां अब इस मामले को लेकर काफी गहमागहमी देखने को मिल रही है. जिस बीच जनहित याचिका पर केरल हाई कोर्ट का भी आदेश आ चुका है. […]
नई दिल्ली, Bharat Band केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर दो दिन की हड़ताल पर निकले सरकारी कर्मचारियों के इस विरोध का आज दूसरा दिन है. जहां अब इस मामले को लेकर काफी गहमागहमी देखने को मिल रही है. जिस बीच जनहित याचिका पर केरल हाई कोर्ट का भी आदेश आ चुका है.
श्रमिक संगठनों की देशव्यापी हड़ताल को लेकर सोमवार को बैंकिंग कामकाज, परिवहन और खनन एवं उत्पादन क्षेत्र प्रभावित दिखे. इस हड़ताल का प्रभाव लेफ्ट शासित राज्य पश्चिम बंगाल और केरल में अधिक देखने को मिला. केरल में इस विरोध को लेकर हाई कोर्ट का भी आदेश सामने आ चुका है. इस आदेश में राज्य सरकार को निर्देश दिए गए हैं कि वह जल्द ही कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोकने के आदेश जारी करे. यदि कर्मचारी बावजूद इसके भी पीछे नहीं हटेंगे तो उनपर सख्त रवैया अपनाया जाएगा. हाई कोर्ट की इस फटकार के बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शासनादेश जारी कर दिया. इस आदेश में कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की चेतावनी दी गयी है.
सीसी नायर एस. की जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश एस. मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी. चले द्वारा अंतिम आदेश जारी किया गया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया, अदालत मानती है कि सरकारी कर्मियों की हड़ताल अवैध है क्योंकि उनकी सेवा शर्तों में ये करना प्रतिबंधित है. साथ ही कोर्ट द्वारा अपने आदेश में कहा गया है कि यदि कोई संगठन हड़ताल करे तो उसे आने जाने में परिवहन व्यवस्था की सुविधा सुनिश्चित करनी चाहिए.
चीफ जस्टिस एस. मणिकुमार की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा, ट्रेड यूनियन अधिनियम 1926 का हवाला देते हुए कहा गया कि किसी भी तरह सरकारी कामकाज शुष्क या प्रभावित नहीं हो सकते हैं. साथ ही मामले में कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार और राज्य द्वारा उनका रूख स्पष्ट करने को भी कहा गया है. साथ ही कोर्ट द्वारा इस हड़ताल पर सवाल किया गया. आपको बता दें की याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अपनी याचिका में ये अनुरोध भी किया है कि वो कर्मचारी जो इस हड़ताल में सोमवार और मंगलवार को शामिल हुए उनकी सैलरी काटी जाए.