नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी के मौके पर शनिवार को नागपुर स्थित रेशम बाग मैदान में शस्त्र पूजन किया। बता दें कि आज आरएसएस अपनी स्थापना के शताब्दी वर्ष में भी प्रवेश कर गया है। आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत ने इस मौके पर भारत में दलितों को लेकर […]
नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी के मौके पर शनिवार को नागपुर स्थित रेशम बाग मैदान में शस्त्र पूजन किया। बता दें कि आज आरएसएस अपनी स्थापना के शताब्दी वर्ष में भी प्रवेश कर गया है। आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत ने इस मौके पर भारत में दलितों को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने अपने बयान से जातियों में बंटे हिंदुओं को एकजुट करने की कोशिश की।
शस्त्र पूजन के बाद अपने संबोधन में आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हमने अपने संतों को और देवों को सबको बांट लिया है। वाल्मीकि जयंती केवल वाल्मीकि बस्ती में ही क्यों होना है जब उन्होंने रामायण पूरे हिन्दू समाज के लिए लिखा। भगवान वाल्मीकि और रविदास की जयंती हम सब साथ मिलकर क्यों नहीं मना सकते हैं। मंदिर, श्मशान और पानी सबके लिए खुले होने चाहिए। किसी को इन चीजों पर कोई रोक-टोक नहीं होना चाहिए।
उन्होंने आगे हिंदुओं को भी चेताया। जब तक क्रोध में आकर अत्याचार करने की यह कट्टरपंथी प्रवृत्ति होगी, तब तक न केवल हिंदू बल्कि सभी अल्पसंख्यक खतरे में होंगे। बांग्लादेशी हिंदुओं को पूरी दुनिया के हिंदुओं से मदद की ज़रूरत है। समय की जरूरत है कि हम एक होकर रहे। हम जहां भी रहे सशक्त रहे।
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