नई दिल्ली : चीन में कोरोना के कहर से पूरी दुनिया डरी हुई है. इसे देखते हुए भारत सरकार भी अलर्ट हो गई है. बीते दिनों भारत के कई राज्यों में कोरोना के नए मामले देखने को मिले. इन मामलों में अधिकांश बाहर से आए यात्रियों में ही पाए गए. अब कोरोना के वेरिएंट ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट BF.7 सामने आया है. यह नया वेरिएंट इस समय चिंता का विषय बना हुआ है. हालांकि भारत में स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि देश किसी भी तरह की स्थिति से उबरने के लिए तैयार है.
टेस्टिंग, बूस्टर डोज और विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए निर्देशों को फॉलो किया जा रहा है. लेकिन एक सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या बीएफ.7 सब वैरिएंट से देश में अगली कोविड लहर आ सकती है? आइए आपको बताते हैं क्या है वैज्ञानिकों और एक्सपर्ट की राय.
कैलिफोर्निया स्थित स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के आंकड़ों बताते हैं कि मौजूदा समय में चीन में कोविड केस बढ़ाने वाला BF.7 वैरिएंट जैसे जेनेटिक्स वाला एक और वैरिएंट फरवरी 2021 के बाद से लगभग 90 देशों में पाया गया है. यह ओमिक्रॉन के बीए.5 सब-वैरिएंट ग्रुप से जुड़ा हुआ है. विशेषज्ञों की मानें तो भारत में इस वेरिएंट का बहुत अधिक प्रभाव नहीं होने वाला है. ऐसा इसिलए क्योंकि भारत की अधिकांश आबादी डबल इम्यूनिटी से बूस्ट है और नेचुरल इम्यूनिटी और वैक्सीन से डेवलप हुई इम्यूनिटी उनके पास है.
वायरोलॉजिस्ट डॉ. गगनदीप कांग का कहना है कि ” मौजूदा समय में भारत में कोविड के 10 वैरिएंट हैं. इसके बाद भी कोरोना के मामलों में वृद्धि नहीं हो रही है. BF.7 सब-वैरिएंट की बात करें तो यह भारत के लिए नया नहीं है. पिछले कुछ समय में ओमिक्रॉन के विभिन्न सब-वैरिएंट के बाद भी कोरोना की बड़ी लहर नहीं आई है. ऐसे में बीएफ.7 भी खतरनाक नहीं होगी.”
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