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जिस पान की पूरी दुनिया है शौक़ीन, उसकी खेती पर कितना कमा रहे किसान

लखनऊ: खइके पान बनारस वाला…’ फिल्म डॉन का यह गाना आज भी लोगों के बीच काफी मशहूर है। अब भी लोग इस गाने को गुनगुनाते नजर आ जाते हैं। इस गाने के बोल और अमिताभ बच्चन के डांस ने फिल्म में काफी हलचल मचाई थी। लेकिन ऐसे में ज्यादातर लोग सोचते हैं कि बनारसी पान […]

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जिस पान की पूरी दुनिया है शौक़ीन, उसकी खेती पर कितना कमा रहे किसान
  • May 18, 2023 7:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ: खइके पान बनारस वाला…’ फिल्म डॉन का यह गाना आज भी लोगों के बीच काफी मशहूर है। अब भी लोग इस गाने को गुनगुनाते नजर आ जाते हैं। इस गाने के बोल और अमिताभ बच्चन के डांस ने फिल्म में काफी हलचल मचाई थी। लेकिन ऐसे में ज्यादातर लोग सोचते हैं कि बनारसी पान सिर्फ वाराणसी में ही उगाया जाता है। हालांकि हकीकत यह है कि यहां मिलने वाले पान के पत्ते बिहार के गया, औरंगाबाद, नवादा और नालंदा में उगाए जाते हैं। इसे मगही पान के नाम से जाना जाता है।

 

➨ खेती में किसानों को मिलते हैं 35250 रुपये

बिहार सरकार ने 300 वर्ग मीटर में पान मगही उगाने के लिए 70,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की लागत तय की है। ऐसे में किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी के साथ 35,250 रुपये मिलेंगे। बिहार सरकार की यह योजना केवल गया, नालंदा, नवादा और औरंगाबाद के किसानों के लिए है। इन जिलों के किसान बिहार सरकार के बागवानी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट http://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं।

➨ पान की खेती कब से शुरू होती है ?

पान उगाने के लिए ठंडे, छायादार स्थान की जरूरत होती है। इसकी खेती के लिए 20 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान अच्छा होता है। इसके लिए हम बांस की मदद से एक बरेजा (छायादार ढांचा) तैयार करते हैं। ताकि तापमान का संतुलन बना रहे और पान के पौधे को कोई नुकसान न हो। इसकी खेती जून-जुलाई में शुरू हो जाती है।

 

➨ मिट्टी की क्यारी से तैयार होती है रोपाई

पान के पौधों की रोपाई के लिए मिट्टी की क्यारी तैयार की जाती है। इसमें सबसे पहले जमीन की जोताई की जाती है। फिर जमीन से क्यारी के रूप में एक ढांचा तैयार किया जाता है। फिर इसमें हल्की सिंचाई की जाती है। इसके बाद पान के पौधे की रोपाई शुरू होती है। इस दौरान दो पौधों के बीच की दूरी का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। यहां किसान पंक्ति की दूरी 25 से 30 सेंटीमीटर और पौधे की दूरी 15 सेंटीमीटर रखते हैं।

 

 

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