नई दिल्लीः हाईटेक सीटी बेंगलुरु इन दिनों पेयजल संकट से जूझ रही है। ऐसे में बेंगलुरु में पीने के पानी को बर्बाद करने पर जुर्माना लगाने का फैसला किया है। पानी के सदुपयोग को बढ़ावा देने के लिए बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड द्वारा यह फैसला लिया गया है। बोर्ड ने मौजूदा जल संकट […]
नई दिल्लीः हाईटेक सीटी बेंगलुरु इन दिनों पेयजल संकट से जूझ रही है। ऐसे में बेंगलुरु में पीने के पानी को बर्बाद करने पर जुर्माना लगाने का फैसला किया है। पानी के सदुपयोग को बढ़ावा देने के लिए बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड द्वारा यह फैसला लिया गया है। बोर्ड ने मौजूदा जल संकट को ध्यान में रखते हुए लोगों से पेयजल के किफायती उपयोग की पैरवी की है। शहरवासियों से आग्रह किया गया है कि वे वाहन धोने, निर्माण कार्य और मनोरंजन उद्देशयों और अन्य जगहों पर पीने के पानी का उपयोग करने से बचें।
बोर्ड ने फैसला किया है कि अगर कोई पीने के पानी की बर्बादी करते पाया जाता है, तो उस पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही ये गलती दोबारा करने पर हर बार 500 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा। बता दें कि बेंगलुरु, 1.3 करोड़ आबादी के साथ अपनी दैनिक पानी की जरूरतों में 1,500 एमएलडी से अधिक की कमी का सामना कर रहा है, जो 2,600-2,800 एमएलडी के बीच है।
सिर्फ बेंगलुरु ही नहीं, तुमकुरु और उत्तर कन्नड़ जिलों के कुछ हिस्सों को भी राजस्व विभाग द्वारा पानी की कमी के प्रति संवेदनशील ठहराया गया है। बता दें कि राज्य में कम से कम 236 तालुकों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है, जिनमें से 219 को गंभीर नतीजों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं राज्य सरकार जल संकट से निपटने के लिए समाधान तलाश रही है, जिसमें पानी की रीसाइकिलिंग पर विचार किया जा रहा है।