नई दिल्ली : न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने सोमवार को अदालत को सूचित किया है कि उन्होंने न्यायाधीश के रूप में अपना काम पूरा कर लिया है. अभिजीत गंगोपाध्याय कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपने कार्यकाल के दौरान वकीलों,
28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से मामले को किसी अन्य न्यायाधीश को स्थानांतरित करने के लिए कहा और ये कहते हुए कि “न्याय प्रशासन में जनता का विश्वास बनाए रखने की आवश्यकता” को देखते हुए ये आवश्यक था. बता दें कि उसी दिन गंगोपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट के महासचिव को एक आदेश जारी कर आधी रात तक संबंधित दस्तावेज दाखिल करने का निर्देश दिया.
पिछले साल दिसंबर में न्यायाधीश द्वारा अदालत की अवमानना के लिए गिरफ्तारी का आदेश दिए जाने के बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने वकील का बहिष्कार किया था, लेकिन बाद में उन्होंने 18 दिसंबर का आदेश वापस ले लिया, और एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश से संपर्क किया और उनसे गंगोपाध्याय से सभी न्यायिक सेवाएं वापस लेने को कहा साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक वो संबंधित वकीलों और अधिवक्ताओं से माफी नहीं मांग लेते, तब तक एसोसिएशन के सदस्य अदालत में प्रवेश नहीं करेंगे, और इसके बाद गंगोपाध्याय 2 दिनों के लिए अदालत से बाहर चले गए और बार एसोसिएशन के सदस्यों से “गलतफहमी को भूलने” की अपील की, जिसके बाद प्रतिबंध हटा दिया गया था.
गंगोपाध्याय ने मंगलवार को अपने इस्तीफे की पुष्टि की और कहा कि वो भाजपा में शामिल होंगे और गुरुवार को उनके शामिल होने की उम्मीद है. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस, सीपीएम और कांग्रेस की समीक्षा की और पीएम नरेंद्र मोदी की बेहद मेहनती व्यक्ति के रूप में प्रशंसा की, और उन्होंने कहा कि ”तृणमूल टूट रही है. मतलब भ्रष्टाचार, पीएम मोदी बहुत मेहनती व्यक्ति हैं और इस देश के लिए कुछ करने की कोशिश कर रहे हैं. वो भगवान और धर्म में विश्वास करते हैं, लेकिन सीपीएम नहीं करती और कांग्रेस उनमें से एक की मालिक है”.
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