नई दिल्ली. बिहार में कम्युनिस्टों के लेनिनग्राद के तौर पर मशहूर बेगूसराय लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद भोला सिंह का शुक्रवार की शाम दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. भोला सिंह बिहार में 8 बार विधायक, कई बार राज्य सरकार के मंत्री और दो बार लोकसभा सदस्य रह चुके हैं. बेगूसराय से पहले वो नवादा लोकसभा सीट से पहली बार सांसद बने थे जिस सीट से इस समय केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सांसद हैं. भोला सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी समेत तमाम नेताओं ने शोक जताया है. पीएम मोदी ने बिहार के विकास और समाज में उनके योगदान को याद करते हुए उनके परिवार को शोक सांत्वना दी है. पटना में नीतीश समेत कई मंत्रियों और सभी पार्टियों के नेता ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित की. बेगूसराय में रविवार को गंगा किनारे सिमरिया घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
भोला सिंह ने 1967 में पहली बार बेगूसराय से विधायक का चुनाव निर्दलीय जीता. उसके बाद वो कम्युनिस्ट पार्टी सीपीआई में शामिल हो गए. कुछ समय बाद वो कांग्रेस में शामिल हुए और कांग्रेस की सरकार में गृह राज्यमंत्री और शिक्षा राज्यमंत्री रहे. भोला सिंह उसके बाद भाजपा में शामिल हो गए और बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष बने. फिर नीतीश कुमार की सरकार में वो नगर विकास मंत्री रहे. इसके बाद वो 2009 के चुनाव में नवादा सीट से लोकसभा पहुंचे. उनकी इच्छा थी कि वो अपनी जन्मभूमि बेगूसराय से एक बार लोकसभा जाएं इसलिए पार्टी ने उनकी भावना का सम्मान करते हुए 2014 के चुनाव में उनको बेगूसराय से उम्मीदवार बनाया और वो दोबारा लोकसभा पहुंचे. अपनी अलग तरह की भाषण शैली की वजह से भोला सिंह की राज्य की राजनीति में अलग तरह की पहचान थी.
बेगूसराय लोकसभा सीट पर नहीं होगा उपचुनाव, 2019 में लोकसभा चुनाव से भरेगी खाली सांसद की सीट
संभावना यही है कि भोला सिंह के निधन से खाली हुई बेगूसराय लोकसभा सीट पर कोई उप-चुनाव नहीं होगा. आम तौर पर कोई सीट खाली होने पर 6 महीने के अंदर वहां उप-चुनाव कराकर उसे भरना होता है. जब इनखबर ने देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एचएस ब्रह्मा से 6 महीने में उप-चुनाव के जरिए खाली सीट भरने की अनिवार्यता पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि इस मामले में उप-चुनाव की कोई जरूरत नहीं है. ब्रह्मा ने कहा कि अगर लोकसभा या किसी राज्य की विधानसभा का कार्यकाल एक साल से कम बचा हो तो उस सदन में खाली होने वाली सीटों को आम चुनाव के जरिए भरा जा सकता है. इसका मतलब ये हुआ कि बेगूसराय लोकसभा सीट से 19 अप्रैल से पहले नया सांसद चुनने की कोई बाध्यता नहीं है क्योंकि लोकसभा का 2019 का आम चुनाव अगले साल मई तक हो जाएगा.
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