नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार यानि 21 अगस्त को पोलैंड की ऐतिहासिक दो दिवसीय यात्रा के तहत वारसॉ पहुंचकर भारतीय समुदाय को संबोधित किया। यह यात्रा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले 45 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली पोलैंड यात्रा है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की वैश्विक भूमिका पर जोर दिया और कहा कि आज का भारत सभी के साथ जुड़ना चाहता है और सबके विकास की बात करता है। उन्होंने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि दुनिया अब भारत को “विश्व बंधु” के रूप में सम्मान देती है. वहीं भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्हें कहीं और जगह नहीं मिली।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह युद्ध का युग नहीं है, बल्कि उन चुनौतियों से निपटने के लिए एकजुट होने का समय है जो मानवता के लिए सबसे बड़े खतरे हैं। भारत, बुद्ध की धरती से प्रेरणा लेकर शांति और कूटनीति पर बल दे रहा है। जब भी दुनिया में किसी देश में संकट आता है, भारत सबसे पहले मदद के लिए आगे बढ़ता है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी भारत ने मानवता को सबसे पहले रखा और वैश्विक सहायता की पहल की।”
वारसॉ में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और पोलैंड के समाजों के बीच समानताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि दोनों देशों के लोग लोकतंत्र में गहरा विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा, “भारत के लोगों का लोकतंत्र पर अटूट भरोसा है, जो हाल के चुनावों में भी स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। हम भारतीय विविधता में भी एकता को मानते हैं और यही कारण है कि हम हर समाज में आसानी से घुल-मिल जाते हैं।”
प्रधानमंत्री ने भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए सुधारों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “पिछले दस वर्षों में हमने भारत में 300 से अधिक नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए हैं और मेडिकल सीटों की संख्या को दोगुना कर दिया है। आने वाले पांच वर्षों में हम 75,000 नई मेडिकल सीटें जोड़ने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। जल्द ही हम दुनिया से कह सकेंगे, ‘हील इन इंडिया’।”
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