RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक से पहले एसबीआई, एचडीएफसी और एसबीआई ने ब्याज दर बढ़ा दी है. इन बैंकों ने रेपो रेट बढ़ाए जाने की आशंका के चलते पहले ही ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. इसका सीधा असर होम और ऑटो लोन पर पड़ेगा.
नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), आईसीआईसीआई और एचडीएफसी बैंक ने अपनी ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी कर दी है. एचडीएफसी ने होम लोन पर 0.10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है तो एसबीआई ने 0.5 प्रतिशत ब्याज दर बढ़ा दी है. इसके अलावा आईसीआईसीआई ने ब्याज दर में 0.10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है.
बैंकों के ब्याज दर बढ़ाने का असर सीधे तौर पर होम, ऑटो और अन्य लोन पर पड़ेगा. इससे उपभोक्ताओं पर ईएमआई का बोझ भारी हो जाएगा. बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी ऐसे समय पर की है जब आरबीआई मौद्रिक नीति की समीक्षा करने वाला है. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति पर निर्णय लेने के लिए 3 अक्तूबर से अपनी तीन दिवसीय बैठक शुरू करेगी.
एचडीएफसी ने अगस्त में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के तुरंत बाद होम लोन पर ब्याज दरों में 20 आधार अंकों की बढ़ोतरी की थी. माना जा रहा है कि आरबीआई कच्चे तेल की बढ़ती कीमत औऱ डॉलर के मुकाबले कमजोर होते रुपये की वजह से महंगाई बढ़ने के आसार की आशंका को देखते हुए मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 25 आधार अंक यानी 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है. अभी रेपो रेट 6.5 फीसदी है. इसी दर पर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को लोन देता है. एसबीआई ने सोमवार को MCLR की दरों में 0.05 फीसदी की बढ़ोतरी की है जो 1 अक्टूबर से प्रभावी हो गई है.आईसीआईसीआई बैंक द्वारा की गई बढ़ोत्तरी भी एक अक्टूबर से ही प्रभावी हो गई है. इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक भी ब्याज दर में शनिवार को 0.02 प्रतिशत बढ़ोतरी कर चुका है.
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