नई दिल्ली: धीरेंद्र शास्त्री साल की शुरुआत से ही तरह-तरह की वजहों से सुर्खियों में बने हुए हैं। हाल ही में महाराष्ट्र में हुई उनका दरबार न केवल महाराष्ट्र बल्कि देश में भी चर्चा का विषय बन गया था। हालांकि , बहुत विरोध के बावजूद, महाराष्ट्र के धीरेंद्र शास्त्री के ‘महा दिव्य दरबार’ का आयोजन […]
नई दिल्ली: धीरेंद्र शास्त्री साल की शुरुआत से ही तरह-तरह की वजहों से सुर्खियों में बने हुए हैं। हाल ही में महाराष्ट्र में हुई उनका दरबार न केवल महाराष्ट्र बल्कि देश में भी चर्चा का विषय बन गया था। हालांकि , बहुत विरोध के बावजूद, महाराष्ट्र के धीरेंद्र शास्त्री के ‘महा दिव्य दरबार’ का आयोजन किया गया और हजारों लोगों ने इसमें अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। मुंबई की अदालत में उसने वहां मौजूद लोगों को वह बताया जो मुंबई आने से पहले उसकी मां ने उनसे कहा था।
आपको बता दें,म पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि जब वह मुंबई के लिए निकल रहे थे तो उनकी मां ने उन्हें जाने से मना कर दिया था। जब धीरेंद्र शास्त्री ने इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा, ‘आप पूरी रात जागेंगे। वहां जाने से विवाद ही बढ़ेगा।’ वह कुछ बोलेंगे और आप उत्तर देंगे। ऐसी बाते होगी, वैसी बाते होगी। ”
बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी मां को जवाब देते हुए कहा कि ये जवाब और विवाद होते रहेंगे। मुझे बस अपनी मां का आशीर्वाद चाहिए। जब तक जिंदा हूं तब तक धर्मविरोधी लोगों की ठठरी बांधता रहूंगा । धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आगे कहा कि भगवान हनुमान ने उन्हें चुना है और जब तक वे जीवित हैं कुछ न कुछ होता रहेगा। लेकिन लोगों का उन पर भरोसा देखकर उन्हें लगता है कि वह अच्छा काम कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में धीरेंद्र शास्त्री के 2 दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसकी अदालत मुंबई से सटे मीरा रोड इलाके में लगाई गई थी। उनके कार्यक्रम का स्थानीय राजनीतिक दलों ने कड़ा विरोध किया था। इसके विरोध में महाराष्ट्र कांग्रेस ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर धीरेंद्र शास्त्री के प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने को कहा था। उन्होंने दावा किया कि बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री ने संत तुकाराम महाराज का अपमान किया है। हालांकि विरोध के बावजूद उनका कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।