थेरगांव के एक आदमी ने अपनी गर्भवती पत्नी को इसलिए बुरी तरह पीटा क्योंकि उसे किसी ने कहा था कि पूर्णमासी के दिन गर्भधारण करने से बेटी का जन्म होता है. हालांकि महिला पुलिस के पास मदद के लिए पहुंची जिसके बाद अस्पताल में मालूम हुआ कि उसका बच्चा सुरक्षित है.
नई दिल्ली. हम भले कितने ही आगे क्यों न बढ़ जाएं लेकिन लिंग भेद जैसी चीजों से अब भी नहीं बच सके हैं. हाल ही में एक आदमी ने एक अंधविश्वास के चलते अपनी पत्नी को इतनी बुरी तरह पीटा कि उसकी कोख में पल रहा बच्चा मरते मरते बचा. दरअसल थेरगांव के एक पढ़े लिखे परिवार के 28 साल को आदमी को किसी ने ये बता दिया कि अगर कोई औरत पूर्णमासी की रात को गर्भ धारण करती है तो उसकी बेटी पैदा होती है. ये जानकर उसने अपनी पत्नी के पेट पर खूब घूंसे मारे. हालांकि इलाज के लिए अस्पताल लाई गई महिला के बच्चे को डॉक्टरों ने पूरी तरह सुरक्षित बताया है. महिला ने घायल हालत में रविवार को वाकड़ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. ऐसे में पुलिस ने उसके पति, सास, ससुर और दो ननदों को हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने बताया कि महिला के ससुराल वाले उसे ऐसी एक्सरसाइज करने लिए दबाव डालते थे जिससे उसका गर्भपात हो जाए.
पुलिस के अनुसार पीड़िता का पति एक निजी कंपनी में बतौर मैनेजर काम करता है. पीड़ित महिला अपने पति पति और ससुरालवालों के साथ थेरगांव के कैलाश नगर में किराए के मकान में रहती है. बुरी हालत में थाने आई महिला को पुलिस वाले अस्पताल लेकर गए और इलाज कराया. बीते शनिवार को पीड़िता का पति अपनी बहनों के साथ मिलकर उसके पेट पर लात घूंसे मारने लगा तो वह किसी तरह बचकर थाने पहुंची और मदद मांगी. मामले में आईपीसी की धारा 315 के तहत केस दर्ज किया गया है.
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