नई दिल्ली: BBC यानी ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘द मोदी क्वेश्चन’ को बनाया था. बीते बुधवार इस डाक्यूमेंट्री को यूट्यूब से हटा दिया गया. इसे बीबीसी ने बीते मंगलवार ही जारी किया था. जानकारी के अनुसार यह कहानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करीब से नज़र डालती है और उनकी […]
नई दिल्ली: BBC यानी ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘द मोदी क्वेश्चन’ को बनाया था. बीते बुधवार इस डाक्यूमेंट्री को यूट्यूब से हटा दिया गया. इसे बीबीसी ने बीते मंगलवार ही जारी किया था. जानकारी के अनुसार यह कहानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करीब से नज़र डालती है और उनकी सत्ता की यात्रा को ट्रैक करती है.
If anything, this film or documentary is a reflection on the agency & individuals that are peddling this narrative again. It makes us wonder about the purpose of this exercise &the agenda behind it. Frankly, we don't wish to dignify such efforts: MEA on BBC documentary on PM Modi pic.twitter.com/FmwlNn1Y9M
— ANI (@ANI) January 19, 2023
यह फिल्म पीएम मोदी के राजनीतिक करियर का गहन अध्ययन करती है. जिसमें बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री उनका कार्यकाल भी शामिल है. बता दें, बतौर गुजरात सीएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यकाल 2002 में राज्य को हिलाकर रख देने वाले दंगों से प्रभावित था. इस हिंसा में 2000 लोगों ने जान गंवाई थी.
एक समाचार एजेंसी के अनुसार इस डॉक्यूमेंट्री में गुजरात की तत्कालीन भाजपा सरकार की दंगों से निपटने के लिए तीखी आलोचना की गई थी. इसमें विरोधियों ने तर्क भी दिया कि यह सरकार की मिलीभगत थी. इसमें आगे कहा गया कि मोदी यूके और यूएस के एक महत्वपूर्ण सहयोगी हैं और दक्षिण पूर्व एशिया में चीनी शक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतिद्वंद्वी माने जाते हैं. हालाँकि, उन्हें देश और विदेश में बहुत आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। उनके विरोधियों का आरोप है कि यह भारत में राजनीतिक अधिकारों का क्षरण है.
अब इस मामले पर केंद्र सरकार की भी प्रतिक्रिया सामने आ गई है. जहां गुजरात दंगों पर बनी ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कार्पोरेशन (BBC)की डॉक्यूमेंट्री को लेकर विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है. इस बयान में इस डॉक्यूमेंट्री को “प्रोपेगेंडा का हिस्सा” बताया गया है. बयान में कहा गया है कि ‘ वह ऐसी फिल्म का ‘महिमामंडन’ नहीं कर सकती.सरकार की ओर से कहा गया कि पीएम पर बीबीसी की डॉक्यूमेंटी दुष्प्रचार, पक्षपाती और औपनिवेशक मानसिकता को दर्शाती है. हम नहीं जानते कि इसके पीछे का एजेंडा क्या है?’
‘कुछ भी हो, यह फिल्म या डॉक्यूमेंट्री उस एजेंसी और व्यक्तियों पर एक प्रतिबिंब है जो इस कहानी को फिर से फैला रहे हैं। यह हमें इस कवायद के उद्देश्य और इसके पीछे के एजेंडे के बारे में सोचने पर मजबूर करता है। स्पष्ट रूप से, हम ऐसे प्रयासों को महिमामंडित नहीं करना चाहते हैं.’ विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि, ‘ध्यान दें कि इसे भारत में प्रदर्शित नहीं किया गया है… हमें लगता है कि यह एक प्रचार सामग्री है. जिसे एक विशेष बदनाम कहानी को आगे बढ़ाने के लिए बनाया गया है. पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है.’
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