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Bansuri Swaraj Exclusive: तिहाड़ी बनकर उन्हें शर्म नहीं आती… केजरीवाल पर जमकर बरसीं बांसुरी स्वराज

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली की सियासत में AAP संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर हंगामा जारी है. शराब घोटाला मामले में हुई केजरीवाल की गिरफ्तारी को आम आदमी पार्टी ‘राजनीतिक कार्रवाई’ बता रही है. वहीं, बीजेपी इस मुद्दे पर AAP को घेरने में जुटी हुई है. इस बीच इनखबर ने बीजेपी नेत्री और नई दिल्ली लोकसभा सीट से उम्मीदवार बांसुरी स्वराज से खास बातचीत की है. इनखबर के संपादक विद्या शंकर तिवारी से इस इंटरव्यू में बांसुरी ने दिल्ली की राजनीति, केजरीवाल की गिरफ्तारी के साथ ही खुद के चुनाव और अपनी मां सुषमा स्वराज के बारे में बातचीत की है. पढ़िए पूरा इंटरव्यू…!

सवाल- अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब आतिशी मार्लेन कहा रही हैं कि बीजेपी उन्हें ऑफर दे रही है कि हमारी पार्टी में शामिल हो जाओ, नहीं तो तुम्हें और सौरभ भारद्वाज को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा. क्या ये सही है?

जवाब- आतिशी की पुरानी आदत है असत्य का सहारा लेने की. उनके इस बयान से उनकी राजनीतिक बौखलाहट और झुंझलाहट साफ दिख रही है. भाजपा को उनकी (आतिशी और सौरभ) बिल्कुल आवश्यकता नहीं है. आतिशी और सौरभ भारद्वाज की ओर जांच का रूख खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने किया है. यदि जांच की आंच उन तक पहुंची है तो इसके जिम्मेदार अरविंद केजरीवाल होंगे.

सवाल- अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं कि 31 हजार पेज की सीबीआई और 25 हजार पेज की ईडी की रिपोर्ट और तमाम गवाहों के बयान में सिर्फ 4 जगह उनके नाम का जिक्र हुआ है. क्या 4 बार नाम आने के आधार पर गिरफ्तारी की जाएगी?

जवाब- देखिए मैं एक वकील के तौर पर जवाब देती हूं. मैं ईडी की प्रवक्ता नहीं हूं. ये अरविंद केजरीवाल जी का जो नाम लिया गया है ये नाम जप में नहीं लिया गया है. ये बकायदा स्टेटमेंट्स में नाम लिया गया है. उनकी गिरफ्तारी की जो स्थिति निर्माण हुईं उसके लिए खुद अरविंद केजरीवाल जिम्मेदार हैं. 2 नवंबर 2023 से ईडी इन्हें (केजरीवाल) बोल रही है कि आप आइए और जांच में जुड़िए. लेकिन तब आप बहाने बनाते रहे. इन्होंने एक नहीं, दो नहीं बल्कि 9 समन का निरादर किया.

सवाल- क्या बीजेपी का प्लान है कि चुनाव के पहले विपक्ष के जितने भी बड़े नेता हैं उन्हें जेल के अंदर कर दिया जाए?

जवाब- बीजेपी का ऐसा कोई प्लान नहीं है. जितने भी नेता जेल गए हैं वो सब के सब कोर्ट की वजह से गए हैं. इसमें भाजपा की कोई भूमिका नहीं है. ईडी ने अपनी जांच की. उसने सारे तथ्य जुटाए और कोर्ट के सामने रखे. यही वजह है कि बार-बार इन गिरफ्तार हुए नेताओं की बेल रिजेक्ट हो रही है.

(बांसुरी स्वराज)

सवाल- बीजेपी पर आरोप लगता है कि वो अगर सामने से चुनाव में जीतकर सत्ता नहीं हासिल कर पाती है तो वो बैकडोर से सत्ता हासिल करने की कोशिश करती है. क्या दिल्ली में ऐसा ही कुछ करने का प्लान है?

जवाब- ये पूरी तरह से निराधार आरोप है. दिल्ली का अहित करने के लिए सिर्फ एक व्यक्ति जिम्मेदार है और उसका नाम अरविंद केजरीवाल है. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी गिरफ्तारी के बाद नैतिकता के आधार पर इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे हैं? अगर सीएम रहते हुए जेल से सरकार चलाना नैतिक है तो इन्होंने मनीष सिसोदिया से इस्तीफा क्यों लिया? केजरीवाल जी ये सत्ता का ऐसा कैसा मोह है कि आप मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.

सवाल- अब आपसे खुद के चुनाव के बारे में सवाल करते हैं. क्या बीजेपी की उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने से पहले आपको पता था कि आपको टिकट मिलने वाला है?

जवाब- बिल्कुल नहीं. हमें टीवी से पता चला. मैं जिस दिन लिस्ट जारी हुई अपने पिता के साथ टेलीविजन देख रही थी. जैसे सबको ये पता चला वैसे मुझे भी पता चला. जैसे ही मैंने टिकट मिलने के बारे में सुना मेरे अंदर कृतज्ञता का भाव आया. मैंने सबसे पहले पिता का आशीर्वाद लिया. इसके बाद मां के चित्र के सामने मां का आशीर्वाद लिया. फिर मंदिर में जाकर अपने आराध्य भगवान कृष्ण का आशीर्वाद लिया. इसके बाद काम करने के लिए कमर कस ली.

सवाल- आपका अपने संसदीय क्षेत्र- नई दिल्ली के लिए क्या विजन है? आप युवा हैं कुछ तो सोचा होगा कि चुनाव जीतने के लिए अपने संसदीय क्षेत्र के लिए ये खास काम करेंगी…

जवाब- देखिए पिछले 10 सालों में दिल्ली में बहुत काम हुआ है. जनता का मोदी की गारंटी में अगाध विश्वास है. आपको मोदी जी की लोकप्रियता और उनकी जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रभाव जमीन पर दिखेगा. लेकिन केंद्र की कुछ योजनाओं हैं. जिन्हें द्वेष में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में लागू नहीं होने दिया. जैसे आयुष्मान भारत. इसमें जरूरतमंदों को 5 लाख रुपये का हेल्थ कवर मिलता है. लेकिन दिल्ली की जनता इससे वंचित है. मैं पुरजोर कोशिश करूंगी कि सारी की सारी केंद्र की योजनाओं का लाभ दिल्ली की जनता को मिले.

सवाल- आपने विदेश में पढ़ाई की. लेकिन फिर भी खुद को भारतीय संस्कृति से जोड़कर रखा. अपनी आस्था को संजोकर रखा. विदेश की छाप नहीं पड़ने दी.

जवाब- मैं सुषमा स्वराज के संस्कारों का सार हूं. भारतीय तो होऊंगी ही. दिल्ली में पैदा हुई. यहीं पली और बढ़ी. स्कूलिंग भी यही की.

Vaibhav Mishra

असिस्टेंट प्रोड्यूसर- इनखबर | राजनीति और विदेश के मामलों पर लिखने/बोलने का काम | IIMT कॉलेज- नोएडा से पत्रकारिता की पढ़ाई | जन्मभूमि- अयोध्या, कर्मभूमि- दिल्ली

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