नई दिल्ली: भारत में नजर का चश्मा हटाने का दावा करने वाली एक आई ड्रॉप के बाजार में आने से पहले ही उस पर रोक लगा दी गई है। इस आई ड्रॉप को लेकर दावा किया गया था कि इसका उपयोग करने से मायोपिया (पास की कमज़ोर नज़र) और हाइपरमेट्रोपिया (दूर की कमज़ोर नज़र) जैसी समस्याओं से निजात मिल सकती है। बता दें, इसे देश की दवा नियामक एजेंसी सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) से मंजूरी भी मिल गई थी। हालांकि, अब इस दवा पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी गई है।
मुंबई की एन्टोड फार्मास्यूटिकल्स ने यह दावा किया था कि उन्होंने PresVu नामक आई ड्रॉप विकसित की है, जिसका नियमित उपयोग करने से लोगों की नजर का चश्मा हट सकता है। इस आई ड्रॉप का मुख्य घटक 1.25% पिलोकार्पाइन w/v है और इसका उद्देश्य आंखों की दृष्टि को बेहतर बनाना था। कंपनी ने कहा था कि इस ड्रॉप का फॉर्मूला चश्मे की आवश्यकता को समाप्त करने के साथ-साथ आंखों के लूब्रिकेशन में भी मदद करता है। इसके साथ ही, इस फॉर्मूलेशन के लिए पेटेंट की प्रक्रिया भी शुरू की गई थी।
हालांकि, दवा नियामक एजेंसी ने इसके अनपेक्षित प्रचार को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। जानकरी के अनुसार, प्रिस्क्रिप्शन आधारित होने के बावजूद भी इसे प्रेस और सोशल मीडिया पर बिना डॉक्टर की सलाह के उपयोग के लिए प्रचारित किया जा रहा था, जिससे लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गईं। इस आई ड्रॉप का प्रचार ऐसे किया जा रहा था कि मानो इसे कोई भी व्यक्ति उपयोग कर अपनी नजर का चश्मा हटा सकता है, जबकि यह केवल डॉक्टर की सलहा के बाद ही उपयोग की जा सकती थी।
CDSCO की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने इसके उत्पाद की सिफारिश की थी. वहीं ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से भी इसे अंतिम मंजूरी मिल गई थी। इसे अक्टूबर के पहले सप्ताह में 350 रुपये की कीमत पर प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर फार्मेसियों में उपलब्ध कराया जाना था। वहीं अब नियामक ने इसके अनपेक्षित प्रचार को गंभीरता से लेते हुए इसे बाजार में आने से पहले ही रोक दिया है, ताकि इसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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