भारतीय नौसेना के अधिकारी रहे कुलभूषण जाधव को ईरान से आइएसआइ ने अगवा किया था. उसे बाद में पाकिस्तान ले जाया गया और एलान किया गया कि वह बलूचिस्तान में जासूसी करते हुए पकड़ा गया. वाइस ऑफ मिसिंग बलूच नाम की संस्था के उपाध्यक्ष मामा कादिर ने एक भारतीय न्यूज चैनल को बताया कि उसके एक कार्यकर्ता ने बताया था कि जाधव को इरान के चाबहार बंदरगाह से पकड़ा गया था.
नई दिल्ली. पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नेवी के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के बारे में एक बलूच नेता ने सनसनीखेज खुलासा किया है. बलूच नेता मामा कादिर बलोच का कहना है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने ईरान के चाबहार से जाधव का अपहरण करवाया था, इसके लिए जैश-उल-अदल के आंतकी मुल्ला उमर को करोड़ों रुपए दिए गए थे. एक निजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कदीर ने ये सनसनीखेज दावा किया.
वाइस ऑफ मिसिंग बलूच नाम की संस्था के उपाध्यक्ष मामा कादिर ने एक भारतीय न्यूज चैनल को बताया कि उसके एक कार्यकर्ता ने बताया था कि जाधव को इरान के चाबहार बंदरगाह से पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वाले मुल्ला उमर बलूच ईरानी ने पकड़ा था. कादिर का कहना है कि उसके एक कार्यकर्ता घटना का गवाह है. उसने देखा था कि जाधव के दोनों हाथ बंधे हुए थे.
कादिर का कहना है कि उसके एक कार्यकर्ता घटना का गवाह है. उसने देखा था कि जाधव के दोनों हाथ बंधे हुए थे. बलूच ईरानी उसे पहले कार में डालकर ईरान-बलूचिस्तान सीमा पर स्थित मशखल कस्बे में ले गया. वहां से उसे बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा लाया गया और फिर इस्लामाबाद. कदीर ने कहा कि हम जानते थे कि कुलभूषण जाधव ईरान में एक व्यवसायी थे. आईएसआई ने घोषणा की थी कि उन्होंने बलूचिस्तान में जाधव को पकड़ा है. दरअसल, जाधव कभी बलूचिस्तान आये ही नहीं थे. बता दें कि जाधव को पाकिस्तान की एक अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनायी है.