पटना। ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम हुए भीषण रेल हादसे को लेकर सियासत जारी है. विपक्षी दलों के नेता हादसे को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस नेता राहुल गांधी रेल मंत्री के इस्तीफे की बात कह चुके हैं. इस बीच बिहार […]
पटना। ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम हुए भीषण रेल हादसे को लेकर सियासत जारी है. विपक्षी दलों के नेता हादसे को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस नेता राहुल गांधी रेल मंत्री के इस्तीफे की बात कह चुके हैं. इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अटल सरकार में जब मैं रेल मंत्री था, उस दौरान बड़ा ट्रेन हादसा हुआ था. इसके बाद मैंने दुर्घटना की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम एनडीए की अटल जी की सरकार में रेल मंत्री थे. उस वक्त हादसा होने पर हमने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया. फिर हमने दूसरी बार इस्तीफा भेजा और कहा कि ये घटना काफी बड़ी है और इसने हमें झकझोर कर रख दिया है, इसलिए मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाए, तब उन्होंने स्वीकार कर लिया.
बता दें कि, जनता दल (यूनाइटेड) के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी एनडीए की अटल सरकार में रेल मंत्री बने थे. एनडीए सरकार में दो बार रेल मंत्री रहे. नीतीश के बतौर रेल मंत्री पहले कार्यकाल में गैसल में बड़ा ट्रेन एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें 285 यात्रियों की मौत हो गई थी. इसके बाद नीतीश कुमार ने हादसे की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. बाद में 2001 में फिर उन्हें रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली. इसके बाद नीतीश 2004 तक इस पद पर रहे. उनके कार्यकाल के दौरान कुल 79 रेल हादसे हुए, जिसमें 1527 यात्रियों की मौत हुई. वहीं, नीतीश के रेल मंत्री रहते हुए 1000 ट्रेन डिरेलमेंट की घटनाएं हुईं. बता दें कि लाल बहादुर शास्त्री के बाद नीतीश कुमार रेल हादसे के बाद इस्तीफा देने वाले दूसरे मंत्री थे.
ममता, नीतीश, लालू… किस रेल मंत्री के कार्यकाल में हुए सबसे ज्यादा ट्रेन हादसे? किसने दिया था इस्तीफा