नई दिल्ली। शुक्रवार 2 जून की शाम हुए ओडिशा के बालासोर में भीषण ट्रेन हादसे में जहां 280 लोगों की मौत और 900 से ज्यादा लोगों गंभीर रूप से घायल हुए है। वहीं इस हादसे के होने की वजह पर भी काफी चर्चा चल रही है। इन चर्चों का सार यही है कि या तो […]
नई दिल्ली। शुक्रवार 2 जून की शाम हुए ओडिशा के बालासोर में भीषण ट्रेन हादसे में जहां 280 लोगों की मौत और 900 से ज्यादा लोगों गंभीर रूप से घायल हुए है। वहीं इस हादसे के होने की वजह पर भी काफी चर्चा चल रही है। इन चर्चों का सार यही है कि या तो ट्रेनों की एक ही पटरी पर टक्कर हुई या कि कोरोमंडल एक्सप्रेस तकनीकी कारण से पटरी से उतर गई जिसके चलते इतना बड़ा हादसा हो गया है।
ओडिशा में हुए इस हादसे की वजह अभी तक तकनीकी खराबी ही मानी जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सिग्नल के खराबी के चलते दोनों ट्रेनें एक ही समय पर एक ही पटरी पर आ गईं।
बालासोर ट्रेन हादसे की संयुक्त जांच रिपोर्ट सामने आई है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि बहानगा स्टेशन के आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। ठीक इसी समय हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई और इसका इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया। इसके बाद कोरोमंडल की कई बोगियां तीसरे ट्रैक पर जाकर गिर गई। इस ट्रैक पर हावड़ा एक्सप्रेस (12864) आ रही थी, जो कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों से टकरा गई।
बताया जा रहा है कि ये गाड़ी बालासोर से करीब 40 किलोमीटर दूर मालगाड़ी से जा टकराई। जिसके बाद स्लीपर कोच के तीन डब्बे छोड़कर बाकी सभी डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसा इतना ज्यादा भीषण था कि देखते ही देखते ट्रेन के 18 डिब्बे पटरी से उतर गए। इन डिब्बों में अभी भी भारी संख्या में यात्रियों के फंसे होने की खबर सामने आ रही है जिन्हें बचाने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं।