Babri Masjid Case Verdict: CBI की स्पेशल कोर्ट ने पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, बीजेपी नेता विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि ये घटना पूर्व नियोजित नहीं बल्कि अकसमात थी.
लखनऊ- विवादित बाबरी ढ़ाचा गिराने के मामले में CBI की स्पेशल कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. CBI की स्पेशल कोर्ट ने पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, बीजेपी नेता विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि ये घटना पूर्व नियोजित नहीं बल्कि अकसमात थी.
फैसले पर किसने क्या कहा ?
स्पेशल कोर्ट में दोषी करार दिए गए महंत धर्मदास ने कहा कि विवादित ढ़ाचे को गिराने के पीछे कोई साजिश नहीं थी. मैं मौके पर खुद मौजूद था. मैंने देखा कि सारे कारसेवक वहां हनुमान की तरह मौजूद थे. हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. देश में कानून का राज होना चाहिए. वहीं मामले की एक अन्य दोषी उमा भारती ने कहा कि हम कानून और कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. फैसले के बाद से देश भर के नेताओं के रिएक्शन आने शुरू हो गए.
28 साल बाद आया फैसला
6 दिसंबर 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर 49 लोगों को आरोपी बनाया गया था. लेकिन उनमें से 17 लोगों की मौत हो गई. बाकी बचे सभी 32 लोग आज कोर्ट में मौजूद थे. आपको बताते चलें कि स्पेशल कोर्ट ने 1 सितंबर को मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी और 2 सितंबर से फैसला लिखने का काम शुरू कर दिया था. देश की सियासत में बेहद अहम रहे इस मामले पर 28 साल बाद फैसला सुनाया गया.